गुरुवार, 24 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. रियो ओलंपिक 2016
  4. Rio Olympics 2016, Abhinav Bindra, Golden Boy
Written By
Last Updated : सोमवार, 8 अगस्त 2016 (22:07 IST)

बिंद्रा पदक से चूके, 125 करोड़ का दिल टूटा

Rio Olympics 2016
रियो डि जेनेरियो। अपना आखिरी ओलंपिक खेल रहे 'गोल्डन ब्वॉय' निशानेबाज अभिनव बिंद्रा इतिहास बनाने की दहलीज़ पर आकर इतिहास बनाने से चूक गए। बिंद्रा रियो ओलंपिक की 10 मीटर एयर राइफल निशानेबाजी स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने से चूक गए और उनके चूकते ही 125 करोड़ भारतीयों का दिल एक झटके से टूट गया।
       
ओलंपिक इतिहास में भारत के एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा के पास कांस्य पदक जीतने का पूरा मौका था लेकिन वह 163.8 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहे। कांस्य पदक के लिए शूटऑफ में बिंद्रा को यूक्रेन के निशानेबाज सेरही कुलिश ने पराजित कर दिया। 
         
फाइनल में 16वें शॉट के बाद बिंद्रा और यूक्रेनी निशानेबाज का स्कोर एक बराबर था। यहां पर हुए शूटऑफ में बिंद्रा 10.0 मार सके जबकि यूक्रेनी निशानेबाज 10.5 मारकर आगे निकल गए और बिंद्रा चौथे स्थान पर रह गए। इस स्पर्धा में पिछले लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए और 23वें स्थान पर रहे।
         
भारतीय ओलंपिक इतिहास के सबसे सफल खिलाड़ी बिंद्रा ने ओलंपिक शुरू होने से पहले ही घोषणा कर दी थी कि यह उनका आखिरी ओलंपिक है। बिंद्रा रियो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के ध्वजवाहक बने थे और सभी देशवासियों को पूरी उम्मीद थी कि वह अपने ओलंपिक अभियान का समापन एक और पदक के साथ करेंगे लेकिन टेनिस स्टार लिएंडर पेस की तरह बिंद्रा का सपना भी पूरा नहीं हो सका।
 
बिंद्रा आखिरी क्षणों तक कांस्य पदक की होड़ में थे लेकिन शूटऑफ में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही बिंद्रा के हाथ से अपना दूसरा ओलंपिक पदक जीतने और भारत को इन खेलों का पहला पदक दिलाने का मौका हाथ से निकल गया।
          
2008 के बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले बिंद्रा चार साल बाद लंदन में फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए थे। लंदन में नारंग ने इस स्पर्धा का कांस्य पदक जीता था। बिंद्रा रियो में फाइनल में पहुंचे लेकिन पदक जीतने से चूक गए।
          
10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में इटली के निकोलो कैम्प्रियानी ने 206.1 अंक के नए ओलंपिक रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। यूक्रेन के सेरही कुलिश ने 204.6 के स्कोर के साथ रजत और रूस के व्लादीमिर मेसलेनिकोव ने 184.2 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। बिंद्रा का स्कोर 163.8 रहा और वह चौथे स्थान पर रहे।
          
बिंद्रा ने 2014 के एशियाई खेलों से पहले भी कहा था कि वह इन खेलों के बाद एशियाड से संन्यास ले लेंगे और उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर एशियाड से संन्यास ले लिया। बिंद्रा से उम्मीद की जा रही थी कि वह एशियाई खेलों जैसा कारनामा ओलंपिक में भी करेंगे लेकिन वह इतिहास बनाने के करीब आकर चूक गए।
 
33 वर्षीय भारतीय निशानेबाज ने पहली दो सीरीज में 29.9 और 30.2 के स्कोर किए। इसके बाद दूसरे चरण की सीरीज में उन्होंने 21.1, 21.5, 20.8 ,20.2 और 20.1 के स्कोर किए। बिंद्रा लगातार मुकाबले में बने हुए थे और तमाम देशवासियों की नजरें उन पर टिकी हुई थीं। बिंद्रा जैसे ही कांस्य पदक के लिए शूटऑफ में पराजित हुए पूरे देशवासियों के मुंह से जैसे एकसाथ आह निकल गई। बिंद्रा के हारने के चंद मिनट बाद ही भारतीय पुरुष हॉकी टीम भी गत ओलंपिक चैंपियन जर्मनी से अंतिम सेकंडों में गोल खाकर 1-2 से पराजित हो गई।
         
देहरादून में जन्मे बिंद्रा फाइनल में पहुंचे आठ निशानेबाजों में 625.7 का स्कोर कर सातवें स्थान पर रहे थे और फाइनल में पहुंचकर चौथे स्थान पर रहे। पिछले कांस्य पदक विजेता नारंग इस बार  621.7 के स्कोर के साथ 23वें स्थान पर रहे।  बिंद्रा ने क्वालिफाइंग की छह सीरीज में 104.3, 104.4, 105.9, 103.8, 102.1 और 105.2 का स्कोर किया। पांचवी सीरीज में 102.1 के स्कोर के समय लग रहा था कि बिंद्रा क्वालिफाई नहीं कर पाएंगे लेकिन छठी और आखिरी सीरीज में उन्होंने 105.2 का स्कोर कर खुद को सातवें स्थान पर पहुंचा दिया।
         
नारंग की शुरुआत अच्छी रही थी और पहली दो सीरीज के बाद वह मुकाबले में बने हुए थे लेकिन इसके बाद उनकी अगली तीन सीरीज खराब रही और फिर वह मुकाबले में नहीं लौट पाए। नारंग ने 105.3, 104.5, 102.1, 103.4, 101.6 और 104.8 की सीरीज खेली। तीसरी और पांचवी सीरीज में नारंग की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
        
33 वर्षीय नारंग 10 मीटर एयर राइफल से तो बाहर हो गए लेकिन उनकी दो स्पर्धाएं अभी बाकी हैं। उन्हें 12 अगस्त को 50 मीटर राइफल प्रोन और 14 अगस्त को 50 मी. राइफल थ्री पोजिशन में खेलना है। (वार्ता)
ये भी पढ़ें
'रियो' में जर्मनी से आखिरी सेकंड्‍स में हारा भारत