रविवार, 28 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. धर्म-दर्शन
  4. »
  5. धार्मिक स्थल
  6. जटायु का जटा शंकर
Written By WD

जटायु का जटा शंकर

- अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

Jata Shankar of jatayu | जटायु का जटा शंकर
धर्मयात्रा की इस कड़ी में हम आपको लेकर चलते हैं जटायु के जटा शंकर मंदिर में, जो मंदिर होने के साथ-साथ ऋषियों की तपोभूमि भी है और सबमें बड़ी खासियत की यहां स्थित पहाड़ के ऊपर से शिवलिंग पर अनवरत जलधारा बहती रहती है।

जटायु पक्षी का नाम तो सभी ने सुना होगा जिसने रावण से सीता माता को बचाने का भरपूर प्रयास किया था। यही राम की सेना का पहला शहीद था। हां! हम उसी जटायु की बात कर रहे हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हम आपको ले चल रहे हैं बागली के एक ऐसे जंगल में जहां पर जटायु ने त्रैतायुग में घोर तपस्या की थी और ऐसी भी मान्यता हैं कि इसी स्थान पर राम ने जटायु से मुलाकात भी की थी।

दुर्गम जंगल से घिरा यह क्षेत्र हमें मंत्र मुग्ध कर देता है। यहां पहुंचते ही सच में ही लगता है कि हम किसी ऋषि की तपोभूमि में आ गए हैं। किंवदंती हैं कि जटायु के बाद यह स्थल कई ‍ऋषियों का तप स्थल रहता आया है। अभी केशवदास फरयाली बाबा के शिष्य बद्रीदास महाराज ने यहां की गद्दी संभाल रखी है। केशवदास महाराज की यहां पर समाधी भी है।

FILE
यहां के स्थानीय निवासी सुभाषसिंह और मांगीलाल के अनुसार इस मंदिर का शिवलिंग प्राचीन काल से विद्यमान है। यहां स्थि‍त पहाड़ का झरना बारह माह ही इसी तरह निरंतर बहता रहता है। न कम होता है और न ज्यादा। ‍किंवदंती हैं भगवान राम के समय से यह झरना बह रहा है, कहां से इसकी धारा फूटी है और इसकी थाह ‍क्या है? यह किसी को पता नहीं। हमारे पूर्वजों से सुनते आए हैं कि यह बहुत ही प्राचीन स्थान है।

बागली के बियाबान जंगल में बसे इस स्थान पर वैसे तो कम ही लोग आते-जाते हैं लेकिन यहां हर श्रावण मास में भजन, पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाता है।

कैसे पहुंचे : -
वायु मार्ग : बागली स्थल का सबमें नजदीकी इंदौर का एयरपोर्ट है।

रेल मार्ग : इंदौर से 30 किलोमीटर पर स्थित देवास पहुंच कर बागली अन्य साधनों से जाया जा सकता है।

सड़क मार्ग : देवास से मात्र 45 किलोमीटर दूर तहसील बागली तक पहुंचने के लिए कई तरह बसें और टैक्सी उपलब्ध है।

इस बार की धर्मयात्रा आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं।