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Last Updated : गुरुवार, 11 नवंबर 2021 (16:41 IST)

Mandir Mystery : किस्मत वाला ही छू सकता है, क्या है इस कुण्ड के पानी का रहस्य

Mandir Mystery : किस्मत वाला ही छू सकता है, क्या है इस कुण्ड के पानी का रहस्य - Mystery of Sivaganga Temple
नमस्कार! 'वेबदुनिया' के मंदिर मिस्ट्री चैनल में आपका स्वागत है। चलिए इस बार हम आपको ले चलते हैं कर्नाटक के टुमकुर जिले में डाबासपेट की एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित शिवगंगे मंदिर। इस मंदिर का रहस्य भी अद्भुत है। आज तक इस रहस्य को कोई नहीं समझ पाया कि आखिर ऐसा कैसे होता है? आओ जानते हैं कि क्या है इस मंदिर का रहस्य?
 
1600 वर्ष पुराना शिवगंगे मंदिर : घी बदल जाता है मक्खन में
 
 
1. शिवलिंग जैसी पहाड़ी : शिवगंगे मंदिर जिस पहाड़ी पर स्थित है, कहते हैं कि यहां की पूरी पहाड़ी शिवलिंग जैसी दिखती है। दूर से देखने पर ये पहाड़ी एक शिवलिंग की तरह ही नजर आती है। यहां शिव, पार्वती, गंगा, गंगाधरेश्वरा, होन्नादेवी आदि के मंदिर मौजूद हैं। नंदी स्टैच्यू शिवगंगे का सबसे ऊंचा पॉइंट है। इस चोटी तक पहुंचना किसी खतरे से खाली नहीं है।
 
2. घी बदल जाता है मक्खन में : इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां मौजूद शिवलिंग पर घी अर्पित करने के बाद वो रहस्यमय तरीके से मक्खन में बदल जाता है। शिवगंगे की पहाड़ी पर चढ़ते समय आपको यहां गंगाधरेश्वरा मंदिर पड़ेगा, जो भगवान शिव को समर्पित है। यहां भगवान शिव का अभिषेक घी से करने की परंपरा है। जनश्रुति के अनुसार इस मंदिर के गर्भगृह से एक गुप्त सुरंग मार्ग गुजरता है, जो 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित गवि गंगाधरेश्वर मंदिर में निकलता है।
 
3. किस्मत वाला ही छू सकता है पानी को : शिवगंगे मंदिर को दक्षिण की काशी कहा जाता है। यहां एक छोटा कुण्ड है। कहा जाता है कि कुण्ड में पानी पाताल से आ रहा है इसी‍लिए इसे पाताल गंगा भी कहा जाता है। कुण्ड के पानी का लेवल घटता-बढ़ता रहता है। ऐसी मान्यता है कि जिसका भाग्य अच्छा होता है, उसे ही कुंड में हाथ डालने पर पानी मिलता है।
 
4. शांतथला पॉइंट : इस पहाड़ी पर शांतथला नाम से एक पॉइंट भी है जिसे सुसाइड पॉइंट के नाम से जाना जाता है। इस जगह का नाम होयसला राजा विष्णुवर्धना की पत्नी शांतथला के नाम पर पड़ा। कहते हैं कि रानी शांतथला अपने पति की सत्ता संभालने के लिए बेटा चाहती थीं। लेकिन उन्हें संतान प्राप्ति नहीं हुई, इस बात से वह अवसाद में चली गई और एक दिन उन्होंने यहां से कूदकर जान दे दी।
 
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