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Written By ND

विश्वप्रसिद्ध उल्टे हनुमान साँवेर में

विश्वप्रसिद्ध उल्टे हनुमान
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अनगिनत भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाले और आस्था के प्रतीक संकटमोचक बजरंगबली के देशभर में अनेक ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध हैं। कोई मंदिर पुरातन इतिहास और परंपरा के कारण जाना जाता है तो कोई मंदिर भक्तों को हुए लाभ की वजह से श्रद्धा का केंद्र बन गया। ऐसा ही साँवेर का एक मंदिर विश्वप्रसिद्ध उल्टे हनुमान के नाम से प्रसिद्ध है।

पुराने बायपास के पास खान नदी के किनारे पर पाताल लोक विजयी उल्टे हनुमान की प्रतिमा को दुनिया में एकमात्र बताया जाता है। यह प्रतिमा इंदौर जिले (मध्यप्रदेश) के साँवेर में स्थित है।

मुगल साम्राज्य से नगर की कानूनगोई कर रहे कानूनगो परिवार के वरिष्ठतम सदस्य यशवंतराव कानूनगो के अनुसार यह प्रतिमा स्वयंभू है। यहाँ टाट वाले खाकी बाबा ने समाधि ली थी। समाधि मंदिर परिसर में है।

इस मंदिर का निर्माण देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रेरणा से महाराजा मल्हारराव होलकर ने करीब 250 पहले करवाया था। उल्टे हनुमान नाम के पीछे एक तथ्य सर्वाधिक प्रचलित है। इसके अनुसार रामायण में उल्लेख है कि रावण के कहने पर अहिरावण श्रीराम व लक्ष्मणजी को छल-कपट से उठाकर पाताल लोक ले गया था तब हनुमानजी साँवेर के रावेर से उल्टे होकर पृथ्वी लोक से पाताल लोक गए थे। तब से इसका नाम उल्टे हनुमान पड़ गया।

हरसिंगार के काफी प्राचीन दो पेड़ मंदिर परिसर में हैं। इस गुमनाम मंदिर को नवश्रृंगारित करने का बीड़ा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पिता प्रेमसिंह चौहान ने उठाया है। सन्‌ 2008 में इसके लिए शासन ने भी करीब 35 लाख की राशि प्रदान की है। इससे निर्माण कार्य किया जा रहा है। तत्कालीन कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव के कार्यकाल में मंदिर के विकास के लिए डेढ़ करोड़ ककार्ययोजना तैयार की गई थी। इसमें संस्कृत स्कूल, प्रवचन हॉल, संत निवास और रामायण पार्क की स्थापना की योजना है।

दक्षिण भारतीय शैली में मंदिर का निर्माण किया जा रहा है और इसे धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किए जाने की योजना बनाई गई है। उल्टे हनुमान की प्रतिमा के नाम से यह विश्व प्रसिद्ध है।