• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. धर्म-दर्शन
  4. »
  5. जैन धर्म
Written By WD

घाव की पीड़ा नष्ट करने हेतु

घाव की पीड़ा नष्ट करने हेतु -
हेतु- घाव की पीड़ा नष्ट होती है।

मत्वेति नाथ, तब संस्तवनं मयेद-मारभ्यते तनुधियाऽपि तव प्रभावात्‌ ।
चेतो हरिष्यति सतां नलिनी-दलेषुमुक्ताफलद्युतिमुपैति ननूदबिन्दुः ॥ (8)

तुच्छ एवं अल्प बुद्धिवाला होते हुए भी मैं आपकी जो स्तवना करूँगा, आपके प्रभाव से वह स्तवना जरूर सज्जनों के हृदय को लुभाएगी! कमल की पंखुड़ी पर चुपचाप बैठी हुई ओस की बूँद ज्यों धीरे-धीरे मोती की चमक को प्राप्त कर लेती है... ठीक उसी तरह!

ऋद्धि- ॐ ह्रीं णमो अरिहंताणं णमो पादाणुसारीणं ।

मंत्र- ॐ ह्राँ ह्रीं ह्रूँ ह्रः असिआउसा अप्रतिचक्रे फट् विचक्राय झ्रौं झ्रौं स्वाहा (पुनः) ॐ ह्रीं लक्ष्मणारामानंद देव्यै नमो नमः स्वाहा।