बाहुबली की विशाल प्रतिमा सोनागढ़ पहुँची
दिगंबर जैन संप्रदाय का प्रसिद्ध तीर्थ सोनागढ़ में 41 फुट ऊँची और 195 टन वजनी भगवान बाहुबली की विशाल प्रतिमा बंगलोर से लाई गई है। इसे पहाड़ी पर स्थापित किया जाएगा। जैन मंदिर प्रशासन के अनुसार यह प्रतिमा 400 टन वजनी ग्रेनाइट की एक चट्टान में से उकेर कर बनाई है। इसके निर्माण पर 1.2 करोड़ रु. खर्च आया। इसे 140 पहियों वाले विशेष ट्राले पर लाया गया। इस प्रतिमा को बंगलोर से सोनागढ़ पहुँचने में एक पखवाड़ा लगा। प्रतिमा के निर्माण के लिए उपयुक्त चट्टान ढूँढने में दो वर्ष लग गए। कर्नाटक के ही हासन जिले के श्रवण बेलगोला में चूँकि भगवान बाहुबली की विशालतम प्रतिमा है, इसलिए वहाँ चट्टान और शिल्पी दोनों मिल गए। इसे कर्नाटक के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिल्पी अशोक गुडिगर ने आकार प्रदान दिया। 90 प्रतिशत कार्य वहाँ पूर्ण हुआ, शेष कार्य सोनागढ़ में किया जाएगा। सोनागढ़ में दिगंबर जैन संप्रदाय के संत कांजी स्वामीजी 45 वर्षों से जैनवाद पर प्रवचन देते रहे हैं। जैन संप्रदाय के इस प्रसिद्ध तीर्थ में कई भगवान विराजित है।