पश्चिम बंगाल में 69.22 प्रतिशत मतदान
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में गुरुवार को तीसरे चरण के चुनाव में 4 जिलों की 62 विधानसभा सीटों के लि हुए चुनाव में मतदान का प्रतिशत 79.22 रहा। देर शाम मतदान खत्म होने के साथ ही 418 उम्मीदवारों का भाग्य मतपेटियों में बंद हो गया, जिनमें से 34 महिला उम्मीदवार हैं। तीसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग ने 16 हजार 461 पोलिंग बूथ की व्यवस्था की थी।
चुनाव आयोग को हिंसा और गड़बड़ियों की एक हजार से ज्यादा शिकायतें मिली। मुर्शिदाबाद जिले में देसी बम के हमले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और कई घायल हो गए। जिले के डोमकल में माकपा कर्यकर्ता ताहिदुल इस्लाम (30) देसी बम के हमले का शिकार बने। चुनाव आयोग ने इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है।
मुर्शिदाबाद के 22, नादिया के 17, बर्दवान के 16 और उत्तरी कोलकाता के 7 सीटों विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है। बर्दवान में दूसरे और अंतिम चरण का मतदान चल रहा है। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि दोपहर 3 बजे तक कुल 67.55 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है।
डोमकल से चुनाव लड़ रहे माकपा के अनीसुर रहमान ने आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल हार के डर से हिंसक गतिविधियों में संलिप्त हो रही है और इस्लाम की मौत इसी का नतीजा है। वह तृणमूल के गुंडों को मतदान केंद्र के अंदर जाने से रोक रहे थे, इसलिए उन्होंने उन्हें मार दिया।
लेकिन, डोमकल से तृणमूल प्रत्याशी सौमिक हुसैन ने कहा कि इस्लाम की मौत माकपा और कांग्रेस के बीच के संघर्ष का नतीजा है। डोमकल में मतदान के दौरान हुई हिंसा में कम से कम चार अन्य लोग घायल हुए हैं। एक घायल ने दावा किया कि पिछले रात को कुछ लोगों ने मुझे वोट नहीं डालने की धमकी दी थी, लेकिन मैंने उनकी नहीं सुनी। जब मैं अपना वोट देकर वापस आ रहा था तभी मुझ पर हमला हुआ।
डोमकल से चुनाव लड़ रहे पूर्व पुलिस अधिकारी नजरुल इस्लाम ने चुनाव आयोग पर जानबूझकर अक्षम रहने का आरोप लगाया है। नजरूल इस्लाम ने अपनी खुद की मूलनिवासी पार्टी बनाई है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर अक्षम बना हुआ है। यह तृणमूल और भाजपा के गठजोड़ का नतीजा है। बर्दवान जिले के केतुग्राम से भी हिंसा की सूचना है जहां एक मतदान केंद्र के पास फेंके गए देशी बम से तीन घायल हो गए। वहीं, नादिया जिले के सगुना मतदान केंद्र से भी कई देशी बम बरामद किए गए।
आज के चुनाव में ममता बनर्जी के कैबिनेट के मंत्री शशि पांजा और साधन पांडे का भाग्य भी तय होगा। इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा और कांग्रेस के 5 बार से उम्मीदवार सोहराब भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। खासतौर पर उत्तर कोलकाता पर सभी की निगाहें हैं जहां पर 7 सीटों पर कुल 58 उम्मीदवार मैदान मे हैं। जहां पर आज वोटिंग हो रही है उसमें महानगर के पुराने इलाके शामिल हैं।
इन इलाकों में लोगों के पास ठीक से रहने की जगह और पर्याप्त साधन भी नहीं हैं। कोलकाता की इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को काफी मशक्कत करनी पड़ा रही है। यहां तृणमूल कांग्रेस को लेफ्ट-कांग्रेस के गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही हैं इसके अलावा बीजेपी ने भी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। ऐसे में खुद तृणमूल कांग्रेस भी दबाव में दिखाई दे रही है।