अब बिना बंटी मतदाता पर्ची रहेगी सुरक्षित
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव में बिना बंटी हुई फोटो मतदाता पर्ची के इस्तेमाल का दुरुपयोग रोकने के लिए चुनाव आयोग ने इसे सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रखने का फैसला किया है।
इससे पहले इस तरह की बची हुईं पर्चियां पीठासीन अधिकारी के पास रखी जाती थीं और मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते समय उन्हें पोलिंग बूथ से हासिल कर सकते थे।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि हमने अब फैसला किया है कि इस तरह की सभी अवितरित फोटो मतदाता पर्चियां सीलंबद हालत में निर्वाचन अधिकारी को सौंपी जाएंगी। इसे बिलकुल भी खोला नहीं जाएगा। ऐसा इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए किया जा रहा है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में राजनीतिक दलों से शिकायतें मिलने के बाद यह फैसला किया गया। उदाहरण के तौर पर राज्य के दूसरे चरण के चुनाव में कुल मतदाता पर्चियों का 96.7 प्रतिशत वितरित किया गया है और बाकी को सीलंबद हालत में रखा गया है।
अधिकारियों ने कहा कि नियम यह है कि मतदाता पर्ची मतदाता को व्यक्तिगत रूप से दी जाएगी या उसके परिवार के किसी सदस्य को दी जाएगी, जो खुद भी एक मतदाता हो। चूंकि वितरण के दौरान कुछ मतदाता घर पर नहीं होते, कुछ फोटो मतदाता पर्चियां अवितरित रह जाती हैं। ये पर्चियां उन 11 दस्तावेजों में शामिल हैं जिन्हें चुनाव आयोग पोलिंग बूथों पर पहचान के सबूत के तौर पर स्वीकार करता है।
अधिकारियों ने कहा कि यह मूल रूप से मतदान करने का एक आमंत्रण पत्र है। मतदाता अगर उसे लेकर आए तो यह अच्छी बात है लेकिन अगर लाना भूल भी जाए तो कोई बात नहीं है।
फोटो मतदाता पर्चियों का वितरण मतदान की तारीख से कम से कम 5 दिन पहले पूरा कर लिया जाता है और जिला चुनाव अधिकारी तथा आम पर्यवेक्षक वितरण प्रक्रिया की कड़ी निगरानी करते हैं। (भाषा)