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Last Updated : रविवार, 5 दिसंबर 2021 (23:37 IST)

पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे पर हुए हमले को लेकर गरमाई उत्तराखंड की सियासत

पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे पर हुए हमले को लेकर गरमाई उत्तराखंड की सियासत - The politics of Uttarakhand heats up over the attack on former cabinet minister Yashpal Arya and his son
देहरादून। पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे पर हुए हमले को लेकर उत्तराखंड की सियासत गरमाई हुई है। उत्तराखंड कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और संजीव आर्य पर हुए हमले के षड्यंत्र में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के भी शामिल होने का आरोप लगाया है।

देहरादून में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के काफिले पर हमले को लेकर कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में सीएम आवास कूच कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इससे कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत नाराज प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।

इस धरने में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत भी मौजूद रहे। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इस घटना की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य पर जिसने हमला किया वह सरकार के संरक्षण में किया गया है।

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए यशपाल और उनके पुत्र पर हमला उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद से उनके खिलाफ किए जा रहे षड्यंत्र का हिस्‍सा है।यशपाल आर्य ने लोगों की भावनाओं के अनुरूप जो फैसला लिया उस पर वह अडिग हैं। देवेंद्र यादव ने कहा कि ऐसे में जब सत्ता की हनक से उनको दबाया नहीं जा सकता तो इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार से तत्काल यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य को पुलिस सुरक्षा दिए जाने की मांग की। यशपाल ने कहा कि जब से यशपाल आर्य ने कांग्रेस ज्वाइन की है तब से उनके सुरक्षा गार्ड को भी सरकार ने वापस ले लिया।

यह घटनाएं चीख-चीख कर कह रही हैं कि यशपाल आर्य के कांग्रेस में सम्मिलित होने के बाद भाजपा सरकार बौखला गई है।हरीश रावत ने इस घटना पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना में शासन और सरकार के मंत्री-विधायक तक शामिल हैं।

इस विरोध प्रदर्शन और धरने के अलावा कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे पूर्व विधायक संजीव आर्य पर बाजपुर में हुए हमले के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज पूरे प्रदेश में सरकार के पुतले फूंके हैं।बीजेपी सरकार का पुतला दहन कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र खटीमा में भी इस हमले को लेकर विरोध जताया गया। कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भुवन कापड़ी के नेतृत्व में यहां किए गए विरोध प्रदर्शन में काली पट्टी बांधकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

इस दौरान भुवन कापड़ी ने कहा कि भाजपा सरकार में जिस तरीके से यशपाल आर्य पर हमला हुआ है, यह बीजेपी सरकार की निरंकुशता की पराकाष्ठा है। भुवन कापड़ी ने यशपाल आर्य और उनके पुत्र पर हमले के आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं करती, जब तक कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

36 लोगों पर मुकदमा दर्ज : उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर में पूर्व केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के काफ़िले पर हुए हमले को लेकर हमलावर पक्ष और हमले के शिकार पक्ष दोनों ने ही पुलिस में तहरीर दी है। जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों की आई तहरीर पर 36 लोगो पर संगीन धराओं में मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। पूर्व केबिनेट मंत्री को बाज़पुर में कांग्रेस पार्टी के सदस्यता अभियान में आना भारी पड़ा था।

यशपाल आर्य के कांग्रेस ज्वाइन के बाद लगातार उनका क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा विरोध किए जाने की बातें सामने आ रही थीं। यशपाल पर हुए हमले के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके पुत्र पूर्व विधायक संजीव आर्य अपने समर्थकों के साथ भारी संख्या में कोतवाली में धरना देने पहुंच गए थे।

उन्होंने पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किंदा सहित 12 लोगो के खिलाफ नामज़द तहरीर देकर मुकदमा कराया था।आज कुलविंदर सिंह किंदा ने पूर्व केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य सहित 24 लोगो के नामजद तहरीर देकर मुकदमा कराया है। जिसकी समीक्षा करने कुमाऊ के डीजीपी नीलेश आनंद भरने बाज़पुर में आए और मामले की जानकारी जुटाई।

डीआईजी कुमाऊ नीलेश आनंद भरणे ने बाज़पुर में हुई टकराव वाली घटना पर दौरा करके बताया कि जब चुनाव आते हैं तब ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं और इन घटनाओं की रोकथाम करने के लिए पुलिस की खुफिया एजेंसियों को अलर्ट पर रखा जाता है। घटना में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।