सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी के बीच हिंसा प्रभावित मणिपुर में तनावपूर्ण शांति
Manipur Violence : मणिपुर (Manipur) में सुरक्षाबलों की भारी मौजूदगी के बीच गुरुवार रात से हिंसा की किसी ताजा घटना की सूचना नहीं मिली और शुक्रवार सुबह तनावपूर्ण शांति बनी रही। मणिपुर सरकार (Manipur government) ने हिंसा पर काबू पाने के लिए 'देखते ही गोली मारने का' आदेश दिया है। हालांकि राज्य में कई स्थानों पर सुरक्षाबलों (security forces) और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ की खबरें हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, चुराचांदपुर जिले के कांगवई, पड़ोसी बिष्णुपुर जिले के पश्चिमी पहाड़ी इलाके फौगाकचाओ और इंफाल पूर्वी जिले के दोलाईथाबी और पुखाओ में मुठभेड़ की सूचना मिली है। हालांकि, फिलहाल यह नहीं पता चल सका है कि दोनों पक्षों में कोई हताहत हुआ है या नहीं।
रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ने एक बयान जारी कर कहा कि सभी हितधारकों की समन्वित कार्रवाई के जरिये स्थिति पर नियंत्रण हासिल कर लिया गया है। भारतीय वायु सेना ने सी17 ग्लोबमास्टर और एएन32 विमानों के जरिये असम की दो हवाई पट्टियों से उड़ान भरकर क्षेत्र में बचाव एवं निकासी अभियान चलाया।
हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती 4 मई की रात को शुरू की गई। अतिरिक्त बलों ने पांच मई को तड़के ही नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम आरंभ कर दिया। प्रभावित क्षेत्रों से सभी समुदायों के नागरिकों की निकासी का काम गुरुवार रात भर चला। चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है।
मणिपुर में सेना और असम राइफल्स के 55 'कॉलम' तैनात किए गए हैं, जबकि नगालैंड से सड़क मार्ग से अतिरिक्त सैनिकों को बुलाया गया और वायु सेना के विमान भी असम के तेजपुर और गुवाहाटी से अतिरिक्त जवान लेकर रवाना हुए। उग्र भीड़ ने इंफाल शहर के न्यू चेकोन और चिंगमेइरोंग इलाकों में बृहस्पतिवार शाम दो शॉपिंग मॉल में तोड़फोड़ और आगजनी की थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने सड़कों पर गश्त बढ़ा दी थी।
उग्र भीड़ ने गुरुवार को थनलॉन के आदिवासी विधायक वंजागिन वाल्टे पर हमला कर दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
मालूम हो कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर मेइती समुदाय के लोगों और आदिवासियों के बीच हिंसा भड़क गई है, जिससे दोनों समुदायों के 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में कई प्रभावित लोग सुरक्षाबलों के शिविरों में शरण ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि यह हिंसा समाज में 'गलतफहमी' का नतीजा थी और उनका प्रशासन स्थिति पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सभी उपाय कर रहा है।
Edited by: Ravindra Gupta