स्वतंत्र देव बने उत्तरप्रदेश भाजपा अध्यक्ष
लखनऊ। ओबीसी नेता एवं उत्तरप्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह केन्द्रीय मंत्री एवं चंदौली के सांसद डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय का स्थान लेंगे।
पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने एक पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी। हालांकि सिंह के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार ग्रहण करने की तारीख का खुलासा नहीं हो सका है।
मिर्जापुर के एक गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले ग्रामीण परिवार में 13 फरवरी 1964 को जन्मे सिंह ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की जिसमें बाद वह विद्यार्थी परिषद नकल अधिवेशन के सदस्य बन गए। वर्ष 1986 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़कर स्वयंसेवक के रूप में संघ के प्रचारक का कार्य करना प्रारंभ कर दिया।
वर्ष 1988-89 में सिंह ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में संगठन मंत्री के रूप में कार्य भार ग्रहण किया। सही मायनो में यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। कड़ी मेहनत एवं संघर्षशील स्वभाव के चलते वे संगठन में काफी लोकप्रिय हुए और 1991 में भाजपा कानपुर के युवा शाखा के युवा मोर्चा प्रभारी बनाए गए जबकि 1994 में उन्होंने भाजपा के बुंदेलखंड के युवा मोर्चा शाखा के प्रभारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। जल्द ही वह युवा मोर्चा के महामंत्री नियुक्त किए गए।
अपनी नेतृत्व कुशलता का लोहा मनवाने के कारण ही सिंह को 1998 में भाजपा युवा मोर्चा का महामंत्री और 2001 में अध्यक्ष बनाया गया। सिंह 2004 में विधान परिषद के सदस्य चुने गए तथा इसी साल वह भाजपा के प्रदेश महमंत्री भी बनाए गए। इसके बाद वह पार्टी की प्रदेश इकाई में 2004 से 2014 के बीच दो बार महामंत्री और एक बार उपाध्यक्ष बने।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सिंह उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभी रैलियों के प्रमुख कर्ता-धर्ता एवं संचालक रहे। यहीं से वह मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीब आए। इसका प्रमाण है कि बुंदेलखंड में मजबूत पकड़ के चलते 19 में से अधिकतर सीटों पर टिकट उनकी सलाह पर ही दिए गए। भाजपा ने यहां से सभी 19 सीटें जीती तो उनका कद और बढ़ गया।
सिंह ने पहला विधानसभा चुनाव 2012 में लड़ा। उन्होने जालौन की कालपी विधानसभा सीट से किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पडा। इसके बावजूद भाजपा ने उन्हे विधान पार्षद बनाया। 2017 के विधानसभा चुनाव में बहुमत से सत्ता में आई भाजपा की सरकार में उन्हे परिवहन मंत्री का स्वतंत्र प्रभार मिला।