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Last Modified: सोमवार, 19 मार्च 2018 (18:03 IST)

अविश्वास प्रस्ताव ने सरकार की स्थिरता संबंधी भ्रम को तोड़ा : शिवसेना

अविश्वास प्रस्ताव ने सरकार की स्थिरता संबंधी भ्रम को तोड़ा : शिवसेना - Non confidence motion, Shiv Sena, Central Government
मुंबई। शिवसेना ने सोमवार को कहा कि तेलुगूदेशम पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव ने इस ‘भ्रम’ को खत्म कर दिया है कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को अगले 25 साल तक के कोई हिला नहीं सकता। हालांकि शिवसेना ने आरोप लगाया कि तेदेपा का रुख उसकी अपनी राजनीतिक मजबूरियों के कारण है और साथ ही कहा कि अविश्वास प्रस्ताव बेकार की कवायद है, क्योंकि राजग सरकार के पास बहुमत है।


पार्टी ने कहा कि देश में सरकार के खिलाफ अविश्वास का माहौल है और अगले साल लोगों में व्याप्त‘ असंतोष का विस्फोट’ होगा। तेलुगूदेशम पार्टी (तेदेपा) ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इंकार के बाद भाजपा के साथ अपने चार साल का गठबंधन खत्म कर लिया और 16 मार्च को राजग से अलग हो गई और इसके बाद संसद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।

मुख-पत्र सामना के एक संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि तेदेपा अपने निजी राजनीतिक कारणों के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाई है न कि किसी राष्ट्रीय वजह से। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री चंद्रशेखर नायडू आंध्रप्रदेश के लिए एक विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं और उनकी मांग पूरी नहीं होने पर वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा प्रस्ताव लेकर आ रही है।

शिवसेना ने दावा किया कि 2019 में आज लोगों में व्याप्त असंतोष का एक विस्फोट होगा। उस समय पूर्ण बहुमत से एक अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाएगा। इसमें कहा गया है, तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस द्वारा पेश प्रस्ताव से कम से कम यहधा रणा खत्म हो गई कि इस सरकार को कोई भी अगले 25 साल तक हिला नहीं सकता। शिवसेना ने इस बात को रेखांकित किया है कि आंध्र प्रदेश जिस तरह की मांग कर रहा है, ठीक उसी तरह की मांग बिहार ने काफी समय पहले की थी। (वार्ता) 
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