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Written By अवनीश कुमार
Last Updated : सोमवार, 16 दिसंबर 2019 (10:40 IST)

कानपुर में मना ब्रिटेन के नवनिर्वाचित सांसद नवेंदु मिश्रा की जीत का जश्न

Navendu Mishra | कानपुर में मना ब्रिटेन के नवनिर्वाचित सांसद नवेंदु मिश्रा की जीत का जश्न
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के कानपुर में जश्न का माहौल है। आसपास के लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत की बधाई देते नजर आ रहे हैं, लेकिन सबसे खास बात यह है कि यह खुशी ब्रिटेन में हुए चुनाव की जीत का है। अब आप सोच रहे होंगे ब्रिटेन के चुनाव से भारत के कानपुर का क्या वास्ता?
 
आपके हर सवाल का जवाब हम देते हैं। कानपुर के आर्य नगर में इस समय पटाखों के छुटने के साथ-साथ मिठाइयां बांटी जा रही हैं और इसके पीछे की मुख्य वजह नवेंदु मिश्रा हैं, क्योंकि इन्होंने ब्रिटेन में हुए चुनाव के दौरान छोटी-सी उम्र में ब्रिटेन के लेबर पार्टी से चुनाव जीता है और वे ब्रिटेन में भारतीय मूल के सांसद बने हैं।
ब्रिटेन में उनके घर के बाहर खुशी का माहौल देखा जा सकता है तो वहीं कानपुर के उनके मूल निवास पर भी खुशी का माहौल है। इसके पीछे की मुख्य वजह सिर्फ और सिर्फ यह है कि ब्रिटेन के नवनिर्वाचित सांसद नवेंदु मिश्रा कानपुर की गलियों से और कानपुर के लोगों से बेहद अच्छे से वाकिफ हैं और यहां के लोग ब्रिटेन के नवनिर्वाचित सांसद नवेंदु मिश्रा को भी बेहद अच्छे से जानते हैं।
 
इस समय कानपुर के आर्य नगर में ब्रिटेन के नवनिर्वाचित सांसद नवेंदु मिश्रा के चाचा विधुसागर मिश्रा अपने बेटे हिमांशु मिश्रा पैतृक मकान में रहते हैं।
 
ब्रिटेन के नवनिर्वाचित सांसद नवेंदु मिश्रा के भाई हिमांशु मिश्रा ने कहा कि उनको और उनके पूरे परिवार को भाई की जीत पर बहुत खुशी है। हिमांशु मिश्रा ने बताया कि उनके चाचा व ब्रिटेन के नवनिर्वाचित सांसद नवेंदु मिश्रा के पिता प्रभात रंजन मिश्रा परिवार के साथ 1998-99 में ब्रिटेन चले गए थे। समय-समय पर वे कानपुर आकर परिवार का हाल-चाल भी लेते रहते हैं।
 
हम सभी को बेहद खुशी है कि हमारे भाई ने ब्रिटेन में चुनाव जीतकर हम सबका व कानपुरवासियों का सम्मान बढ़ाया है और इस समय ब्रिटेन के सभी समाचार-पत्रों में ब्रिटेन के नवनिर्वाचित सांसद नवेंदु मिश्रा के साथ कानपुर की भी चर्चा हो रही है। यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है।
 
चचेरे भाई ने बताया कि चन्द्रशेखर आजाद की धरती बदरका के मूल निवासी हम सभी हैं। वे हमारे उन्नाव के बदरका के थे, लेकिन कुछ समय के पश्चात हमारा परिवार कानपुर आ गया और हम सभी यहां के मूल निवासी हो गए। ब्रिटेन में भाई की जीत कानपुरवासियों के साथ-साथ उन्नाववासियों की भी है।
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