मुंबई में दर्दनाक हादसा : खुद की जान बचने की खुशी मनाए या 8 परिजनों की मौत का मातम...
मुंबई। मुंबई के मलवनी इलाके में रहने वाले रफीक शेख यह समझ नहीं पा रहे हैं कि खुद की जान बचने पर वह ईश्वर का शुक्रिया अदा करें या पत्नी सहित परिवार के 8 सदस्यों की जान जाने पर शोक मनाएं।
दरअसल, बुधवार देर रात तीन मंजिला इमारत की दो मंजिल, एक मंजिलें घर पर गिर जाने से 8 बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई थी। शेख (45) उसी इमारत में परिवार के साथ किराए पर रहते थे और इमारत गिरने से महज कुछ मिनट पहले दूध लेने के लिए घर से बाहर गए थे।
शेख जब लौटे तो पाया कि उनकी दुनिया ही उजड़ चुकी है। उनकी पत्नी, भाई, भाभी और दोनों परिवारों के 6 बच्चों की जान इस हादसे में चली गई। शेख ने पत्रकारों को बताया कि परिवार का एक अन्य सदस्य मलबे में दबने की वजह से घायल हुआ है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके परिवार में अब 16 साल का बेटा बचा है जो हादसे के वक्त दवा खरीदने के लिए घर से बाहर था।
शेख ने बताया कि जब हादसा हुआ, तब मैं सुबह की चाय के लिए दूध लेने गया था। मैं नहीं जानता था कि इमारत इतनी खस्ताहाल है। मेरे परिवार को इमारत गिरने के वक्त वहां से निकलने का समय ही नहीं मिला। उन्होंने बताया कि जब वह लौटे तो देखा कि कई स्थानीय लोग बचाव दल के आने से पहले घटनास्थल से मलबा हटा रहे हैं।
एक स्थानीय निवासी ने दावा किया कि इलाके में अधिकतर मकान गैर कानूनी तरीके से बने हैं और बाद में बिना नगर निकाय की मंजूरी के इन्हें तीन या चार मंजिला इमारतों में तब्दील किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिकतर मकानों के मालिक अन्य स्थानों पर रहते हैं और ये मकान गरीब लोगों को किराए पर दे दिए गए हैं।
इससे पहले निकाय अधिकारी ने बताया कि मलवनी इलाके के अब्दुल हमीद रोड स्थित कलेक्टर परिसर में यह इमारत बुधवार देर रात करीब 11 बजकर 15 मिनट पर गिरी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल ने बताया कि इमारत को गैर कानूनी तरीके से बनाया गया था और उसमें ढांचागत खामी थी। उन्होंने बताया कि इमारत को पिछले माह चक्रवाती तूफान ताउते की वजह से भी नुकसान पहुंचा था। (भाषा)