गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Minority Hindus on target of terrorists in Kashmir
Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: बुधवार, 6 अक्टूबर 2021 (18:42 IST)

कश्मीर में आतंकियों के निशाने पर अल्पसंख्यक हिन्दू, इस साल 7 लोगों की हत्या

कश्मीर में आतंकियों के निशाने पर अल्पसंख्यक हिन्दू, इस साल 7 लोगों की हत्या - Minority Hindus on target of terrorists in Kashmir
जम्मू। कश्मीर में अब आतंकियों के निशाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं। चाहे वे कश्मीर में कई सालों से रुके हुए हों या फिर व्यापार कर रहे हों या फिर व्यापार करने आ रहे हों। इनमें प्रवासी श्रमिक भी शामिल हैं, जो डोमिसाइल बनवाना चाहते हैं और आतंकी उन्हें निशाना बना रहे हैं।
 
मंगलवार को जिन कश्मीरी पंडित माखन लाल बिंदरू की हत्या की गई है वे इस साल ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में मारे गए अल्पसंख्यक समुदाय के तीसरे प्रमुख व्यापारी हैं। इस साल जनवरी से अब तक पूरे कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के 7 लोगों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी है।
 
पहला शिकार बने थे सुनार सतपाल निश्चल जो 1 जनवरी, 2021 को सराय बाला में उनकी ज्वेलरी की दुकान पर हुए आतंकी हमले में मारे गए। डलगेट में कृष्णा ढाबा के मालिक के बेटे आकाश मेहरा को 17 फरवरी को उनके भोजनालय में गोली मार दी गई थी। 10 दिन बाद, मेहरा ने एसएमएचएस अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
 
त्राल के एक कश्मीरी पंडित भाजपा नेता राकेश पंडित की 2 जून को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जबकि सितंबर में बिहार के एक मजदूर की दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मंगलवार को भी एक बिहारी भेलपुरी वाले की हत्या कर दी गई।
 
इसे भूला नहीं जा सकता कि अधिकांश कश्मीरी पंडितों के विपरीत तीनों व्यापारी, माखन लाल बिंदरू, सतपाल निश्चल और आकाश मेहरा 1990 में आतंकवाद की शुरुआत के बाद से कश्मीर से नहीं गए थे। वे अपने कारोबार को जारी रखने के लिए रुके हुए थे और तीनों के उद्यम- बिंदरू मेडिकेट, निश्चल ज्वेलर्स और कृष्णा ढाबा लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
 
दरअसल, मंगलवार को एक घंटे से भी कम समय में तीन और लक्षित हत्याओं के साथ कश्मीर में पिछले 4 दिनों में 5 नागरिक हत्यारों की गोलियों के शिकार हो गए। जानकारी के मुताबिक, इन हत्याओं में अधिकांश हत्याएं राजधानी श्रीनगर में हुई हैं।
मंगलवार को आतंकियों ने श्रीनगर और बांदीपोरा में इन हत्याओं को अंजाम दिया जिसके बाद एक बार फिर कश्मीर घाटी में सुरक्षा के माहौल पर सवाल उठने लगे हैं। श्रीनगर में शुक्रवार को अज्ञात आतंकवादियों ने जहां दो नागरिकों की हत्या कर दी वहीं मंगलवार 5 अक्टूबर को दो और नागरिक मारे गए। एक नागरिक विरेंदर पासवान जो गैर-स्थानीय स्ट्रीट हॉकर था वहीं, दूसरा गैर-स्थानीय हत्यारों की गोलियों का शिकार बना था। जबकि श्रीनगर स्थित केमिस्ट माखन लाल बिंदरू, प्रसिद्ध बिंदरू मेडिकेट के मालिक थे जिनकी आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
 
श्रीनगर और अन्य सभी घटनाओं के लिए लश्कर से जुड़े आतंकी ग्रुप टीआरएफ ने जिम्मेदारी ली थी और सभी मारे गए अल्पसंख्यकों पर आरएसएस समर्थक होने और कश्मीर में आरएसएस के एजेंडा पर काम करने का आरोप भी लगाया था।
 
जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार आम नागरिकों पर हमले आतंकियों की हताशा को दर्शाता है जो सुरक्षाबलों पर हमले करने के बदले सॉफ्ट टारगेट पर निशाना साध रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के कश्मीर जोन के आईजीपी विजय कुमार के अनुसार, आतंकी रणनीति में बदलाव इस साल की शुरुआत से देखा गया, जिसमें पिस्तौल से हमले- इसी का नया स्वरूप हैं।
ये भी पढ़ें
लखीमपुर खीरी मामले को लेकर UttarPradesh Police ने की विशेष अपील