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Last Modified: मंगलवार, 17 नवंबर 2020 (18:04 IST)

72 घंटे के अंदर श्रमिकों को मिले कल्याण योजनाओं का लाभ, दिल्ली के डिप्टी CM सिसोदिया ने दिए निर्देश

72 घंटे के अंदर श्रमिकों को मिले कल्याण योजनाओं का लाभ, दिल्ली के डिप्टी CM सिसोदिया ने दिए निर्देश - Manish Sisodia says city workers should get the benefits of labour welfare schemes within 72 hours
नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आवेदन के 72 घंटे के भीतर श्रमिकों को कल्याण योजनाओं का लाभ देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने मजदूरों की मदद के लिए योजनाएं बना रखी हैं। कोई जरूरतमंद होता है, तभी आवेदन करता है। इसलिए मजदूरी के बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा, विकलांगता, शादी, प्रसूति जैसी कल्याण योजनाओं की राशि 72 घंटे के भीतर उनके बैंक खाते में पहुंच जानी चाहिए। 
 
सिसोदिया ने आज शाहदरा स्थित पूर्वी और उत्तर-पूर्वी उप-श्रमायुक्त कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यालय के कार्यों में उल्लेखनीय सुधार को संतोषजनक बताया। इसमें श्रमिकों के पंजीकरण और सत्यापन के साथ ही विभिन्न कल्याण योजनाओं का लाभ देने मामले शामिल थे। निरीक्षण के दौरान इन दोनों जिला कार्यालयों में पंजीकरण संबंधी आवेदनों के लंबित होने के मामले में कमी देखी गई।

सिसोदिया ने पंजीयन और आवेदनों के कार्यों में तेजी का निर्देश दिया ताकि कोरोना संकट के इस दौर में मजदूरों को कल्याण योजनाओं का समुचित लाभ मिल सके।

सिसोदिया ने कार्यालय में आए आवेदनों के निष्पादन की भी जानकारी ली। उन्होंने लंबित आवेदनों तथा लंबित संचिकाओं के रिकॉर्ड भी जांचे। सिसोदिया 2 साल से विभिन्न आवेदनों के लंबित होने की वजह पर चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यालय से स्वीकृति की प्रक्रिया में यह विलंब होता है। सिसोदिया ने 72 घंटे में इसके निष्पादन की प्रक्रिया बनाने का निर्देश दिया।
 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सारी फाइलों का निष्पादन 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर होना चाहिए। अगर कुछ ही फाइलों को आगे बढ़ाने तथा शेष को रोकने के मामले सामने आए, तो अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने श्रमिकों के पंजीकरण व योजनाओं का लाभ की जानकारी देने संबंधी नोटिस बोर्ड भी कार्यालय के बाहर लगाने के निर्देश दिए ताकि मजदूर को किसी दलाल के पास न जाना पड़े। उन्होंने पंजीकरण में दलालों और साइबर कैफे द्वारा लगाए जाने वाले प्रमाण-पत्र को अनावश्यक कहा। निरीक्षण के दौरान कंस्ट्रक्शन बोर्ड सेक्रेटरी एमटी कोम सहित अन्य अधिकारी भी साथ थे।