उत्तर प्रदेश में होली पर इस बार मुस्लिमों की अनूठी पहल
लखनऊ। साम्प्रदायिक सौहार्द्र को यादगार बनाते हुए इस बार उत्तर प्रदेश में होली हर्षोल्लास और पारम्परिक ढंग से मनाई गई।
होली के ही दिन जुमे की नमाज पड़ने के कारण टकराव की आंशका थी, लेकिन मुस्लिम भाइयों ने साम्प्रदायिक सौहार्द्र की अनूठी मिशाल पेश करते हुए पूरे राज्य में एक बजे से नमाज अता करने का निर्णय लिया। इस निर्णय की घोषणा एक दिन पहले ही मौलानाओं ने कर दी थी।
लखनऊ में टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फरंगी महली और शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने कहा कि यह निर्णय भाईचारे को और मजबूत करने के लिए लिया गया। इस निर्णय की वजह से तनाव की आशंका नहीं रही।
उधर, वर्ष 2013 में भीषण दंगे की चपेट में झुलस चुके मुजफ्फरनगर में एक पर्चा बांटा गया था जिसमें हजरत पैगम्बर की धैर्य और मददगार होने का संदेश दिया गया था। पर्चे में लिखा गया था कि एक धार्मिक गुरु पर प्रतिदिन कूड़ा फेंका जाता था। एक दिन उन पर कूड़ा नहीं फेंका गया। उन्होंने कूड़ा फेंकने वाले व्यक्ति का पता लगाया। उसको देखने गए। वह बीमार था। धार्मिक गुरु ने उसका इलाज कराया और उसके परवरिश की चिन्ता की।
पर्चे में धार्मिक गुरु के धैर्य और माफ करने की आदत का जिक्र करते हुए लिखा गया था कि यदि कोई गलती करे तो उसे माफ करने की आदत डालनी चाहिए। पर्चे में रंग पड़ जाने या किसी अन्य कारणों से तनाव में नहीं आने की विनम्र अपील की गयी थी। पर्चा कल तक बंटा था।
भाईचारा बनाए रखने के लिए किए गए इन प्रयासों की राज्य में सराहना हो रही है। सामाजिक कार्यकर्ता एकलाख अहमद खान का कहना है कि जुमे की नमाज एक बजे से करने का फैसला समाज के हित में है। आमतौर पर नमाज 12 बजे से शुरु हो जाती है। विभिन्न मस्जिदों में इसे दो बजे तक पढ़ा जाता है। अलग-अलग मस्जिदों में अलग-अलग समय होता है ताकि एक जगह नमाज छूट जाए तो नमाजी दूसरी जगह अता कर सके।
इस सबके बीच, होली पारम्परिक ढंग से मनायी जा रही है। लोग एक दूसरे पर रंग डाल रहे हैं। अबीर गुलाल लगा रहे हैं। बच्चे सर्वाधिक खुश हैं। कहीं से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनन्द कुमार के अनुसार पूरे प्रदेश में शान्ति है। लोग रंगों का त्योहार धूमधाम से मना रहे हैं। पुलिसकर्मी यह त्यौहार कल मनाएंगे। (वार्ता)