गुजरात उच्च न्यायालय में आसाराम को झटका
अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने संत आसाराम आश्रम की एक याचिका बुधवार को खारिज कर दी। दरअसल, आश्रम के मालिकाना हक वाली कथित मुखौटा कंपनियों की विशेष ऑडिट के बारे में आयकर विभाग की नोटिस को इस याचिका के जरिए चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीएन करिया की एक खंड पीठ ने आय कर विभाग को विवादास्पद स्वयंभू बाबा और उनकी संस्था संत आसाराम आश्रम के मालिकाना हक वाली कंपनियों की विशेष ऑडिट के लिए आगे बढ़ने की इजाजत दे दी। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि आसाराम ने कई फर्जी कंपनियां खड़ी की जो धन शोधन में शामिल थी।
अदालत ने याचिका खारिज कर दी है और अब आय कर विभाग आयकर विभाग की धारा 142 (2) (ए) के प्रावधान के तहत एक विशेष ऑडिट करने में सक्षम होगा।
गौरतलब है कि आसाराम को जोधपुर पुलिस ने एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था। बाद में सूरत की दो बहनों ने भी आसाराम और उसके बेटे के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाया था। आसाराम जेल में है और वह दो मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा। (भाषा)