पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र पंचतत्व में विलीन, पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का शनिवार को शिमला के रामपुर के पास जोगनी बाग स्थित श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने शाम करीब साढ़े चार बजे अंतिम संस्कार किया। पुलिस के एक दल ने पूर्व मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर और बंदूकों की सलामी दी।
अपने नेता को विदाई देने हजारों समर्थक श्मशान घाट पर एकत्र हुए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, राज्य के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और वन मंत्री राकेश पठानिया भी अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद थे।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से पार्टी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भी अंतिम संस्कार के समय उपस्थित था। इस प्रतिनिधिमंडल में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल भी थे। वीरभद्र के दाह संस्कार के पहले उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह का रामपुर बुशहर के राजा के रूप में सुबह में राज्याभिषेक हुआ।
मुख्यमंत्री ने वीरभद्र सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने 6 दशकों के लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान हिमाचल प्रदेश के विकास और यहां के लोगों के कल्याण के लिए बहुत योगदान दिया। ठाकुर ने कहा कि वीरभद्र सिंह को उनके योगदान के लिए राज्य की जनता हमेशा याद रखेगी।
बहरहाल, एक ट्वीट में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के हिमाचल प्रदेश के प्रभारी सचिव संजय दत्त ने कहा कि नम आंखों के साथ हम अपने वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह जी को अंतिम विदाई दे रहे हैं। हमारा संकल्प है कि हम राज्य में कांग्रेस सरकार को वापस लाकर हिमाचल के पुराने गौरव और प्रगति को बहाल करने के उनके सपने को पूरा करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करेंगे। राजा साहब अमर रहें।
अंतिम संस्कार से पहले सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक पार्थिव शरीर को रामपुर के पद्म पैलेस में रखा गया। अपराह्न पौने तीन बजे पार्थिव शरीर को श्मशान ले जाया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह 87 साल के थे। लंबे समय से बीमार चल रहे सिंह का गुरुवार को शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में निधन हो गया था।