गुजरात में सीएम उम्मीदवार पेश नहीं करेगी कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने भले ही उत्तरप्रदेश में शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया हो लेकिन गुजरात के लिए उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि पार्टी नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ें, कांग्रेस गुजरात में मुख्यमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा संभवत: नहीं करेगी।
कांग्रेस 1989 से राज्य में सत्ता से बाहर है। गुजरात को अकसर भाजपा की हिन्दुत्व की प्रयोगशाला कहा जाता है। मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस में कई आकांक्षी हैं जिनमें विपक्ष के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला शामिल हैं।
वाघेला संक्षित अवधि के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। तब उन्होंने भाजपा छोड़ने के बाद एक क्षेत्रीय दल का गठन किया था और कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी भी पद के दावेदार हैं। भरतसिंह के पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी को करीब 30 साल पहले 'खाम' (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और अल्पसंख्यकों) का विजयी गठबंधन बनाने का श्रेय जाता है।
इसी तरह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के प्रवक्ता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता शक्तिसिंह गोहिल भी दावेदारों में शामिल हैं। वे लंबे समय से मोदी के सबसे कड़े आलोचकों में शामिल हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टी उम्मीदवार की घोषणा इसलिए नहीं करना चाहती, क्योंकि उसे लगता है कि इससे ऐसे समय में पार्टी में गुटबाजी और कलह को बढ़ावा मिलेगा, जब पंचायत चुनाव में भाजपा ने ग्रामीण इलाकों में अपनी जमीन कांग्रेस के हाथों गंवा दी है।
पिछले साल हुए चुनाव में कांग्रेस ने 31 में से 21 जिला पंचायतों में प्रभावशाली जीत दर्ज की जबकि भाजपा को केवल 6 जिला पंचायतों में जीत मिली। बाकी स्थानीय निकायों में खंडित जनादेश मिला। (भाषा)