भय्यू महाराज सुसाइड केस : डीआईजी को मिले बेनामी पत्र में कई खुलासे
इंदौर। भय्यू महाराज सुसाइड केस के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के पास गुरुवार को एक बेनामी पत्र पहुंचा, जिसमें भय्यू महाराज की मौत का सच उजागर किए जाने की बात सामने आ रही है। डीआईजी ने पत्र की सच्चाई जांचने का आदेश दिया है।
दरअसल, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के पास गुरुवार को भय्यू महाराज के एक सेवादार द्वारा लिखा एक पत्र पहुंचा, जिसमें भय्यू महाराज के बारे में लिखा है कि वे पिछले दो साल से मानसिक तनाव में थे। 15 पन्नों के इस गुप्त पत्र में आश्रम और परिवार की गोपनीय बातों का उल्लेख है। जिसमें लिखा था कि वह भय्यू महाराज का विश्वसनीय सेवादार है लेकिन मौत के भय से नाम उजागर करना मुमकिन नहीं है। वह महाराज की मौत का राज जानता है और जिम्मेदार को सजा भी दिलवाना चाहता है।
मीडिया खबरों के मुताबिक इस पत्र में गुप्त सेवादार ने भय्यू महाराज की पत्नी डॉक्टर आयुष पर कई आरोप लगाए हैं। पत्र के अनुसार डॉ. आयुषी से शादी के बाद से ही भय्यू महाराज खुद को अकेला महसूस करने लगे थे। उनकी दूसरी पत्नी ने निगरानी करना शुरू कर दिया था। वह आश्रम और घरों में होने वाली बैठकों की जानकारी लेने लगी थी। महाराज से जुड़े हर व्यक्ति और उनके पास आने वालों का हिसाब सेवादार और नौकरों से रखने लगी थी।
पत्र में कहा गया है कि भय्यू महाराज के जीवन में उसी दिन से कलह ने घर बना लिया था, जिस दिन डॉ. आयुषी ने विवाह किया था। दूसरी पत्नी ने पहले उन्हें घर वालों से दूर करना शुरू किया। फिर आश्रम में भाई और चाचा की एंट्री करवा दी। कुहू से दूरी बनाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। प्रॉपर्टी और कैश पर भी नजरें गड़ा ली।
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र का कहना है कि पत्र गोपनीय और गुमनाम है। फिर भी उसमें लिखे तथ्यों की सच्चाई जांचने का आदेश दिया है।