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Last Modified: शनिवार, 15 अक्टूबर 2022 (22:30 IST)

पाकिस्तान से 100 हिन्दू जोधपुर पहुंचे, बोले- उत्पीड़न और भेदभाव के कारण नहीं जाना चाहते वापस

पाकिस्तान से 100 हिन्दू जोधपुर पहुंचे, बोले- उत्पीड़न और भेदभाव के कारण नहीं जाना चाहते वापस - Around 100 Hindus from Pakistan reach Jodhpur, say dont want to go back
जोधपुर। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से हिन्दुओं के दो जत्थे इस सप्ताह यहां पहुंचे। इन लोगों ने पाकिस्तान में अचानक आई बाढ़ के बाद राहत कार्यों में उत्पीड़न और भेदभाव का आरोप लगाया। ये लोग भील समुदाय के हैं और सिंध के टांडो अल्लाहयार जिले से आए हैं। इन लोगों ने भारत में बसने की इच्छा व्यक्त की और कहा कि वे वापस नहीं जाना चाहते।
 
पत्नी और 8 बच्चों के साथ यहां आए चतुरराम भील ने कहा कि दोनों जत्थों में उनके समुदाय के करीब 100 लोग हैं। दोनों जत्थे अटारी-वाघा जांच चौकी के जरिए भारत आए।
 
भील ने कहा कि पहला जत्था 12 अक्टूबर को भारत आया था जबकि दूसरा जत्था 14 अक्टूबर को आया। उन्होंने कहा कि वे पहले हरिद्वार पहुंचे और वहां से वे जोधपुर आए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यहां बसने के लिए जोधपुर में रुके जबकि अन्य राजस्थान के जैसलमेर रवाना हो गए।
 
भील ने कहा कि उनके क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ ने उनके जीवन को दयनीय बना दिया क्योंकि उन्हें राहत कार्यों में भेदभाव का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि हमारे पास न तो अपने परिवार चलाने के लिए कोई रोजगार है और न ही भोजन खरीदने के लिए पर्याप्त धनराशि। हम में से कई लोगों के घर बाढ़ में बह गए। हमारे पास रहने के लिए जगह भी नहीं है।
 
शुक्रवार रात यहां पहुंचे जत्थे के एक अन्य सदस्य विष्णु ने कहा कि अब तक हमने जिस भेदभाव का सामना किया वह बाढ़ के समय में असहनीय हो गया। भेदभाव ने वहां जीवन को बहुत कठिन बना दिया। हमारे पास पाकिस्तान छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि उनमें से कोई भी वापस नहीं जाना चाहता और वे यहां बसेंगे और कुछ काम ढूंढेंगे।
 
सीमांत लोक संगठन के प्रमुख हिन्दूसिंह सोढा ने कहा कि इन लोगों के पास अपने देश में उत्पीड़न और भेदभाव के मद्देनजर अन्य कोई अन्य विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि वे भारत को अपना प्राकृतिक घर मानते हैं।
 
सिंह ने कहा कि वे तीर्थयात्रा वीजा पर हरिद्वार आए, जहां एजेंसियों ने उनका आगमन दर्ज किया और फिर वे अपने अंतिम गंतव्य के लिए रवाना हो गए। उनके पास यहां बसने के लिए वीजा नहीं है। इस बीच पुलिस अधिकारियों ने प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच के लिए टीमें भेजीं।
 
एएसपी (सीआईडी) रामेश्वर लाल मेघवाल ने कहा कि जो भी उचित होगा हम करेंगे। अगर वे वापस नहीं जाना चाहते हैं, तो उन्हें यहां रहने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा जाएगा। भाषा Edited by Sudhir Sharma
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