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Last Modified: शनिवार, 12 अक्टूबर 2019 (21:31 IST)

आप की पूर्व विधायक अलका लांबा कांग्रेस में शामिल, केजरीवाल पर लगाए तानाशाही के आरोप

आप की पूर्व विधायक अलका लांबा कांग्रेस में शामिल, केजरीवाल पर लगाए तानाशाही के आरोप - alka lamba back in congress after 5 years with arvind kejriwals aam aadmi party
नई दिल्ली। चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्व विधायक अलका लांबा शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गईं। लांबा कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रभारी पीसी चाको की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुईं। लांबा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल एक तानाशाह की तरह काम करते हैं, जो आप कार्यकर्ताओं और पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों की कभी नहीं सुनते।
 
लांबा ने कांग्रेस में शामिल होने के अपने निर्णय की घोषणा पिछले महीने की शुरुआत में उस समय की, जब उन्होंने आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
 
लांबा की घोषणा के कुछ दिन बाद अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने दलबदल कानून के तहत उन्हें दिल्ली विधानसभा की सदस्य के रूप में अयोग्य ठहरा दिया गया था।
 
उन्होंने दिसंबर 2014 में 20 वर्ष तक कांग्रेस में रहने के बाद पार्टी छोड़ दी थी और इसके बाद वे आप में शामिल हो गई थीं। लांबा 2015 में आप के टिकट पर चांदनी चौक विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुई थीं।
 
कांग्रेस में शामिल होने के बाद लांबा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस में वापसी करने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि यही एक पार्टी है जो दिल्लीवासियों का ध्यान रख सकती है।
 
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप सरकार ने पिछले 5 वर्षों में दिल्लीवासियों की भलाई के लिए कोई ठोस काम नहीं किया। हालांकि मेरे जैसे कार्यकर्ता हमेशा उनके सामने सवाल रखते हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया।
 
लांबा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल एक तानाशाह की तरह काम करते हैं, जो आप कार्यकर्ताओं और पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों की कभी नहीं सुनते। इसके परिणामस्वरूप विकास के काम प्रभावित होते हैं। अब वे आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए खोखले वादे करके एक बार फिर लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
 
दिल्ली विधानसभा में पिछले वर्ष दिसंबर में एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें 1984 सिख विरोधी दंगों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लिए जाने की मांग की गई थी। लांबा ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसके बाद उनके आप के साथ संबंधों में खटास आ गई थी।
 
सत्तारूढ़ आप को छोड़ने के अपने निर्णय की घोषणा के बाद वे कांग्रेस नेताओं के संपर्क में थीं और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी।
 
पार्टी की दिल्ली इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लांबा को चांदनी चौक से चुनाव मैदान में उतार सकती है।
 
लांबा की कांग्रेस में वापसी को लेकर चर्चाओं के बीच कांग्रेस से चार बार विधायक रहे प्रह्लाद सिंह साहनी 6 अक्टूबर को पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। साहनी 1998 से 2015 तक चांदनी चौक विधानसभा सीट से विधायक रहे थे। लांबा ने 2015 में उन्हें पराजित किया था।