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Written By सुरेश डुग्गर
Last Modified: गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017 (19:36 IST)

अफजल गुरु की बरसी पर कश्मीर बंद

अफजल गुरु की बरसी पर कश्मीर बंद - Afzal Guru, separatist leader
श्रीनगर। संसद पर हमले का दोषी करार अफजल गुरु की चौथी बरसी पर अलगाववादी समूहों की ओर से बुलाई गए हड़ताल को देखते हुए घाटी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी थी। प्रशासन ने श्रीनगर और शोपियां के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शोपियां के साथ-साथ श्रीनगर के छह पुलिस थानों के इलाकों में प्रतिबंध लगाया गया था। नौहट्टा, खानयार, रैनावाड़ी, सफाकदल और महाराजगंज पुलिस थानों के आंतरिक इलाकों और श्रीनगर के मैसूमा के साथ साथ शोपियां में भी लोगों के जुटने पर प्रतिबंध लागू रहा।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए गए थे। अधिकारी ने बताया कि शहर के संवदेनशील इलाकों और घाटी में किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। इसी बीच हुर्रियत कांफ्रेंस और जेकेएलएफ के दोनों गुटों सहित अलगाववादी समूहों के द्वारा गुरू की फांसी के खिलाफ बुलाए गए हड़ताल के कारण समान्य जनजीवन प्रभावित रहा है।
 
अधिकारी ने बताया कि घाटी में ज्यादातर दुकान, पेट्रोल पंप और अन्य कारोबार प्रतिष्ठान बंद रहे। प्रशासन ने कानून व्यवस्था में किसी भी तरह की समस्या की आशंका को देखते हुए बारामुल्ला-बनिहाल रेल सेवा को दिन भर के लिए बंद कर दिया गया था। गुरु को नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी और वहीं दफनाया गया था।
 
कश्मीर घाटी में तनाव और हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनजर रेल सेवा भी प्रभावित रही। जानकारी के मुताबिक कश्मीर में हिंसा की आशंकाओं के मद्देनजर प्रशासन द्वारा बनिहाल-बारामुल्ला के बीच रेल सेवा को स्थागित कर दिया गया।
 
कश्मीर में बनिहाल बारामुल्ला के बीच रेल सेवा को अगले आदेश तक संचालित होने से रोका गया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों कश्मीर में हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा के दौरान भी कश्मीर में रेल सेवा पर खासा असर पड़ा था।
 
पुराने शहर के निवासियों ने बताया कि पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। अलगाववादी समूहों ने आज और 11 फरवरी को भी बंद का आह्वान किया है जिसके मद्देनजर शेष कश्मीर घाटी में आज जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
 
सूत्रों के अनुसार श्रीनगर समेत कई जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी गई जिसके तहत चार या उससे अधिक लोगों के जुटने पर रोक है। अब तक हालात शांतिपूर्ण रहे हैं और घाटी में पथराव की कुछ घटनाओं को छोड़ कर किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।
 
गुरु को चार साल पहले 9 फरवरी को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दी गयी थी। अलगाववादियों ने 11 फरवरी तक तीन दिन के बंद का आह्वान किया है। 11 फरवरी को जेकेएलएफ के संस्थापक मकबूल भट्ट की बरसी है। भट्ट को 32 साल पहले तिहाड़ जेल में फांसी के बाद दफना दिया गया था।
 
साल 2013 में अफजल गुरु को तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के विरोध में अलगाववादियों द्वारा आहूत बंद और प्रदर्शन को देखते हुए इन इलाकों में वाहनों और लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी। उत्तरी कश्मीर के सोपोर, बारामुला और बांदीपोरा कस्बों से प्राप्त खबरों में भी कहा गया है कि सुरक्षा बल के जवान यहां यातायात और पदयात्रियों की आवाजाही की अनुमति नहीं दे रहे थे।
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