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Ramadan 2023 : अल्लाह तक पहुंचने का मार्ग दिखाता है 7वां रोजा

सोमवार,मार्च 27, 2023
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पवित्र कुरआन के पच्चीसवें पारे (अध्याय-25) की सूरह शूरा की तिरालीसवीं आयत में ज़िक्र है : 'व लमन सबरा व़गफरा इन्ना ज़ालिका लमिन अज़मिल उमूर'- 'जो सब्र करने वाले हैं और रहम करने वाले हैं वो बुलंद मर्तबे और अज़मत (गरिमा) वाले हैं।' यहां यह बात काबिलेगौर ...
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रमज़ान मुबारक: Fifth Roza, दुआ का दरख़्त है पांचवां रोजा रमज़ान का मुबारक माह और पांचवां रोजा। दुनिया के हर मज़हब में अपने-अपने मज़हबी तरीक़े से लोग उपवास (रोजा) रखते हैं। हर शख़्स अपने-अपने मज़हब की मान्यताओं के तहत उपवास के क़ायदे-क़ानून का पालन करता है। ...
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रोजा नेकी का छाता है। जिस तरह छतरी या छाता बारिश या धूप से अपने लगाने वाले की हिफ़ाज़त करता है, ठीक उसी तरह रोजा भी रोजादार (रोजा रखने वाले) की हिफ़ाजत (सुरक्षा) की गारंटी है। शर्त यह है कि रोज़ा शरई तरीके (धार्मिक आचार संहिता) से रखा जाए। अहकामे-शरीअत ...
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अल्लाह की रहमत होती है तभी दिल को सुकून मिलता है। दिल के सुकून का ताल्ल़ुक चूंकि नेकी और नेक अमल (सत्कर्म) से है। इसलिए जरूरी है कि आदमी नेकी के रास्ते पर चले। रोजा बुराइयों पर लगाम लगाता है और सीधी राह चलाता है। पवित्र क़ुरान के पहले पारे (प्रथम ...
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पवित्र रमजान में अल्लाह का फ़रमान है 'या अय्युहल्लज़ीना आमनु कुतेबा अलयकुमुस्स्याम' यानी 'ऐ किताब (क़ुरआन पाक) के मानने वालों रोजा तुम पर फ़र्ज़ है।' किताब और रोज़े को समझो। यानी क़ुरआन को समझ कर और सही पढ़ो। उसकी मनगढ़ंत या मनमानी व्याख्या मत करो। क्योंकि ...
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Ramadan month 2023 : प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी चांद दिखने के साथ ही रमजान (Ramadan 2023) का पहला रोजा रखा जाएगा। संभव‍त: पहला रोजा 22 मार्च 2023, दिन बुधवार से प्रारंभ होने की उम्म‍ीद है। इस्लाम मज़हब में रोज़ा, मज़हब का सुतून (स्तंभ) भी है और रूह का ...
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रमजान कब से शुरू है?

बुधवार,मार्च 22, 2023
Ramadan 2023 : इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना रमजान शुरू होने जा रहा है और रमजान के पूरे महीने में अल्लाह की इबादत की जाएगी तथा रोजे रखे जाएंगे। इसकी शुरुआत मक्का के ऊपर चांद दिखने के पश्चात बुधवार, 22 मार्च से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है तथा ...
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चांद दिखने के साथ ही रमजान माह की समाप्ति तथा ईद-उल-फितर मनाई जाएगी। भारत में ईद 03 मई को मनाई जा सकेगी। 'ईद-उल-फित्र' दरअसल दो शब्द हैं।
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Ramadan Eid 2022 रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। इस पूरे माह में रोजे रखे जाते हैं। इस महीने के खत्म होते ही दसवां माह शव्वाल शुरू होता है। इस माह की पहली चांद रात ईद की चांद रात होती है।
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Eid al-Fitr 2022 अभी रमजान माह चल रहा है और रमजान को अल्लाह की नेमतों और बरकतों से भरपूर माह के रूप में जाना जाता है। इस्लाम धर्म के पवित्र महीने रमजान के बाद ईद उल-फ़ित्र का त्योहार मनाया जाता है।
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Ramadan 2022 रमजान माह के बाद आनेवाले 10वें महीने शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है। ईद कब मनाई जाएगी यह चांद के दीदार होने पर तय किया जाता है।
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Shab-E-Qadr 2022 शबे-कद्र क्या है? शब के मा'नी है रात, कद्र के मा'नी है इज्जत। शबे-कद्र यानी ऐसी शब (रात) जो कद्र (इज्जत, सम्मान) वाली है। माहे-रमजान के आखिरी अशरे में ही शबे-कद्र यानी इज्जत और अजमत वाली ये रात आती है।
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वर्ष 2022 में शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022 को शबे कद्र (shab e qadr ki raat) या लैलत अल-कद्र (Laylat al-Qadr) की रात मनाई जाएगी। इस्लाम धर्म में माहे रमजान में आने वाली शब-ए-कद्र की रात बेहद अहम मानी जाती है। मतांतर के चलते तारीख अलग हो सकती है।
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Ramadan 2022 जब रोजादार बंदा परहेजगारी के साथ अल्लाह को पुकारता है यानी इबादत करता है तो अल्लाह अपना वादा निभाता है।' यानी फरियाद सुनता है और गुनाह माफ कर देता है।
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Ramadan 2022 छब्बीसवें रोजे के साथ ताक रात (विषम संख्या वाली रात्रि) यानी शबे-कद्र आएगी ही। सत्ताईसवां रोजा तो वैसे भी दोजख से निजात के अशरे (नर्क से मुक्ति के कालखंड) में अपनी अहमियत रखता ही है।
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Ramadan 2022 जिस दिन 26वां रोजा होता है, उस तारीख़ को माहे-रमजान की सत्ताईसवीं रात होती है। इस रात को ही अमूमन अल्लाह की मेहरबानी की खास रात में शुमार किया जाता है।
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Ramadan 2022 माहे-रमजान का कारवां यानी पच्चीसवां रोजा दोजख से निजात का अशरा अर्थात् नर्क से मुक्त का कालखंड चल रहा है। अल्लाह की मेहरबानी से अब रोजेदारों के रोजा पच्चीसवें रोजे तक पहुंच गया है। 25th day of ramadan month
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Ramadan 2022 पाकीजा आयतों की रोशनी में रमजान के इस आखिरी अशरे और खास तौर से चौबीसवें रोजे की फजीलत को अच्छी तरह समझा जा सकता है। 24th Day Roza
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23rd Day Roza 23वां रोजा रोजेदार को अल्लाह की तौफीक पाने के लिए जरूरतमंदों को जकात, सदका, भिक्षा और मुफ्त में अन्न-वस्त्र देने की शिक्षा देता है। इसके अलावा संयमित और पवित्र आचरण तथा नेक बात को अमल में लाने की सीख भी देता है।
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