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Written By WD Feature Desk

first Roza 2024 : रमजान माह का पहला दिन, जानें इस रोजे की खासियत

first Roza 2024 : रमजान माह का पहला दिन, जानें इस रोजे की खासियत - Ramadan day 1 2024
Ramadan 2024: प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी चांद दिखने के साथ ही रमजान माह शुरू हो गया है तथा भारत में मंगलवार, 12 मार्च का पहला पवित्र रोजा रखा जाएगा। माहे-रमजान के पहले रोजे के दिन दुनिया में अमन-चैन कायम रखने के लिए अल्लाह से प्रार्थना की जाएगी। 
 
सामाजिक नजरिये से रोजा इंसान की अच्छाई है। इस्लाम धर्म में इबादत का महीना यानी रमजान या रोजा का महीना यानी सूरज निकलने के कुछ वक्त पहले से सूरज के अस्त होने तक कुछ भी नहीं खाना-पीना यानी निर्जल-निराहार रहना बहुत अहमियत रखता है। ठीक वैसे ही जैसे दुनिया के हर धर्म यानी मजहब में उपवास/रोजा प्रचलित है। 
 
मिसाल के तौर पर सनातन धर्म में नवरात्रि के उपवास, जैन धर्म में पर्युषण पर्व के उपवास तथा ईसाई धर्म में फास्टिंग फेस्टिवल जिन्हें फास्टिंग डेज या हॉली फास्टिंग के उपवास। इसी तरह इसे समझा जा सकता है। 
 
इस्लाम मज़हब में रोज़ा, मज़हब का सुतून (स्तंभ) भी है और रूह का सुकून भी। रोजा रखना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है। पवित्र क़ुरआन (अल बक़रह: 184) में अल्लाह का इरशाद (आदेश) है: 'व अन तसूमू ख़यरुल्लकुम इन कुन्तुम त़अलमून' यानी' और रोजा रखना तुम्हारे लिए ज्यादा भला है अगर तुम जानो।

'अल्लाह के इस कौल (कथन) में जो बात साफ तौर पर नजर आ रही है वे यही है कि रोजा भलाई का डाकिया है। अरबी ज़बान (भाषा) का सौम या स्याम लफ़्ज ही दरअसल रोजा है। सौम या स्याम का संस्कृत/हिन्दी में मतलब होगा 'संयम'। इस तरह अरबी़ जबान का सौम या स्याम ही हिन्दी/संस्कृत में संयम है। इस तरह रोजे का मतलब हुआ सौम या स्याम यानी 'संयम।' यानी रोजा 'संयम' और 'सब्र' सिखाता है। 
 
पहला रोजा ईमान की पहल है। सुबह सेहरी करके दिनभर कुछ न खाना-पीना या सोते रहकर शाम को इफ़्तार करने का नाम रोजा नहीं है। यानी रोजा सिर्फ भूख-प्यास पर संयम या कंट्रोल का नाम नहीं है। बल्कि हर किस्म की बुराई पर नियंत्रण/संयम यानी कंट्रोल का नाम है। रमजान में रोजा सेहरी से आरंभ होता है। नीयत से पुख्ता होता है। इफ़्तार से पूर्ण (मुकम्मल) होता है। 
 
रोजा ख़ुद ही रखना पड़ता है। अगर ऐसा नहीं होता तो अमीर और मालदार लोग धन खर्च करके किसी ग़रीब से रोजा रखवा लेते। मज़हबी नजरिए से रोजा रूह की सफाई है। रूहानी नजरिए से रोजा ईमान की गहराई है। वैज्ञानिक दृष्टि से रोजा स्वास्थ्य यानी सेहत के लिए मुनासिब है। प्रस्तुति- अज़हर हाशमी

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