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रक्षा बंधन : वर्ष 2019 की राखी की 10 खास बातें, क्यों है इतना शुभ इस बार पर्व

रक्षा बंधन : वर्ष 2019 की राखी की 10 खास बातें, क्यों है इतना शुभ इस बार पर्व - raksha bandhan 2019 ki 10 khas baaten
इस राखी पर बन रहे हैं सौभाग्य और शोभन योग, भाई और बहन दोनों के लिए है बहुत शुभ 
 
राखी  शुभ पर्व इस बार 15 अगस्त को आ रहा है, आइए जानें कुछ विशेष बातें 
 
    
1. इस बार बहनें खास योग में अपने भाई की कलाई पर राखी सजाएंगी। इस बार 19 साल बाद स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का एक साथ योग बना है। इससे पहले यह संयोग साल 2000 में बना था। 
 
2 . बहनें सिद्धि, सौभाग्य और शोभन योग योग में भाइयों को रक्षा सूत्र बांधेंगी। सावन पूर्णिमा के दिन ही श्रवण नक्षत्र की शुरुआत होती है। इस नक्षत्र में किया गया कार्य शुभ होता है। 
 
3. बृहस्पतिवार का दिन होने के कारण भी इसका महत्व बढ़ जाता है। गंगा स्नान, शिव पूजन व विष्णु पूजन करने से आयु, अरोग्य, विद्या-बुद्धि सहित हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
 
4. श्रवण नक्षत्र प्रात: 8:01 बजे तक ही है। इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र आ जाएगा। इसलिए रक्षा बंधन का कार्य सुबह ही कर लेंगे तो अतिशुभ होगा। 
 
5. गुरुवार को पूर्णिमा तिथि व श्रवण नक्षत्र के मिलने से सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन पूर्णिमा शाम 4:23 बजे तक रहेगी। इसलिए चार बजे तक भी राखी बांधी जा सकती है। 
 
6. रक्षाबंधन का यह पवित्र त्योहार इस बार गुरुवार के दिन है। यह दिन देव गुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। रक्षाबंधन को लेकर मान्यता है कि देवगुरु बृहस्पति ने देवराज इंद्र की विजय प्राप्ति के लिए इंद्र की पत्नी को रक्षासूत्र बांधने को कहा था। अत: गुरुवार के दिन यह पर्व होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन भाई बहन सुबह सबसे पहले भगवान विष्णु का पूजन करें और बाद में राखी बांधें तो और भी शुभ होगा।  
 
7. इस बार राखी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। इसलिए बहनें भाइयों की कलाई पर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच रक्षाबंधन का अनुष्ठान कर सकती हैं। अनुष्ठान का समय प्रात: 05:53 से सांय 17:58 बजे तक रहेगा। अपराह्न मुहूर्त 13:43 बजे से 16:20 बजे तक है।
 
8. रक्षाबंधन के दिन रेशमी वस्त्र में केशर, सरसों, चंदन चावल एवं दुर्वा रखकर रंगीन सूत का पूजन करने के बाद भाई के दाहिने हाथ में बांधना चाहिए। इससे वर्ष भर सुख समृद्धि रहती हैं। 
 
9. रक्षाबंधन से 4 दिन पहले ही गुरु मार्गी होकर चलने लगे है सीधी चाल, यह बात ज्योतिष के साथ जीवन के लिए भी शुभ फलदायी है। 
 
10. इस बार के विशेष संयोग हैं : श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण के साथ सूर्य कर्क व चंद्रमा होंगे मकर राशि में, साथ ही भद्रा का साया न होने से 15 अगस्त को सूर्योदय से शाम 5:58 तक रहेगा शुभ मुहूर्त खासकर दोपहर 1:43 से 4:20 तक राखी बांधने से मिलेगा विशेष फल। 

 
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