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Written By WD

Raksha Bandhan : कोरोना काल में कैसे मनाएं राखी का पर्व, 11 घंटे 43 मिनट है शुभ मुहूर्त

Raksha Bandhan : कोरोना काल में कैसे मनाएं राखी का पर्व, 11 घंटे 43 मिनट है शुभ मुहूर्त - rakhi tilak vidhi hindi
भाई और बहन का खूबसूरत पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष कोरोना काल में 3 अगस्त 2020 को आ रहा है। रक्षाबंधन के दिन बांधा गया रक्षा सूत्र भाई को हर तरह के भय से बचाता है। यह रक्षासूत्र विपरीत स्थिति में मजबूती देता है।
कोरोना काल में कैसे मनाएं राखी का पर्व,आइए जानते हैं....
 
इस साल रक्षा बंधन पर राखी बांधने का मुहूर्त 
 
राखी बांधने का मुहूर्त : 09:27:30 से 21:11:21 तक
अवधि : 11 घंटे 43 मिनट
रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त : 13:45:16 से 16:23:16 तक
रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त : 19:01:15 से 21:11:21 तक
शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
राहुकाल- प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक  (इस समय राखी न बांधें)
3 अगस्त का पंचांग
शुभ विक्रम संवत्- 2077, हिजरी सन्- 1440-41, ईस्वी सन् -2020
अयन- दक्षिणायण
मास-श्रावण
पक्ष- शुक्ल
संवत्सर नाम- प्रमादी
ऋतु-वर्षा
वार-सोमवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-पूर्णिमा
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-उत्तराषाढ़ा
योग (सूर्योदयकालीन)- प्रीति
करण (सूर्योदयकालीन)-विष्टि
लग्न (सूर्योदयकालीन)- कर्क
दिशा शूल-आग्नेय
योगिनी वास-वायव्य
गुरू तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चन्द्र स्थिति-मकर
व्रत/मुहूर्त्त-रक्षाबन्धन/ श्रावणी उपाकर्म
यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
आज का मन्त्र-ऊँ सौं सोमाय नम:।
आज का उपाय-मन्दिर में रक्षासूत्र चढ़ाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
पर्व मनाने की सरल और सही विधि
 
1-रक्षा बंधन के दिन सबसे पहले भाई बहन उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर रंगबिरंगे सुंदर नवीन कपड़े पहन कर सूर्य देव को जल चढ़ाएं और घर के मंदिर में यथा शक्ति पूजा अर्चना करें।
 
2- हाथों को सेनेटाइज कर भाई बहन एक दूसरे का मुंह मीठा करवाएं और शुभ मुहूर्त में राखी बांधने की तैयारी करें।
 
3- चांदी, पीतल, तांबे की या कोई भी साफ स्वच्छ थाली लें।
 
4- इस थाली में नया सुंदर कपड़ा बिछाएं।
 
5- जल का कलश नारियल, सुपारी, मौली, रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षा सूत्र, उपहार और मिठाई रखें।
 
6- घी का एक दीपक भी रखें, जिससे भाई की आरती कर सकें।
 
7- रक्षा सूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान को समर्पित करें।
 
8- भाई से पहले अपने इष्टदेव कान्हा, श्री गणेश या शिव जी को राखी अर्पित करें।
 
9- नागदेवता और भैरव जी के नाम की राखी बांधना न भूलें।
 
10 - इसके बाद दिन के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर पीढ़े पर बैठाएं।
 
11 - पहले भाई को तिलक लगाएं, फिर रक्षा सूत्र बांधें और फिर आरती करें। पूरा पूजन कार्य मनोयोग से करें सेल्फी आप बाद में भी ले सकते हैं। बेहतर होगा कि पर्व मनाने के दौरान एक झोले में सबके मोबाइल रख दें और कुछ देर के लिए भूल जाएं।
 
12 - राखी बांधते समय बहन इस मंत्र का उच्चारण करें, इससे भाई की आयु में वृद्धि होती है।
 
ॐ येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वां प्रति बध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।
 
13- इसके बाद मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें। अब आप साथ में मास्क लगा कर जितनी चाहे फोटो ले सकते हैं। पर्वों की सुंदरता इसी में है कि हंसी-खुशी और आनंद का वातावरण बना रहे ले‍किन रीति रिवाज के दौरान बस फोटो पर ही ध्यान देना उचित नहीं है। पहले शांतिपूर्वक बड़े बुजुर्गों के सान्निध्य में खुशियां मना लें फिर मर्जी अनुसार फोटो ले सकते हैं।

सबसे खास बात दूरी बनाए रखने की है और फोटो लेते समय यह संभव नहीं है...कोशिश करें कि मास्क लगा हुआ पर्याप्त दूरी के साथ ग्रुप फोटो सबका साथ में लें ताकि याद रहे कि कोरोना काल में त्योहार कैसे मनाए थे हमने... 
 
14 - रक्षा सूत्र बांधने के समय भाई तथा बहन का सिर खुला नहीं होना चाहिए।
 
15- रक्षा सूत्र बंधवाने के बाद माता-पिता और बड़ों आशीर्वाद लें, इसके बाद बहन को सामर्थ्य के अनुसार उपहार दें। आजकल बहनें भी जॉब करती हैं तो वह भी अपने भाई के लिए उपहार लाती हैं। यह भी शुभ परंपरा है इसका भी समर्थन करना चाहिए। बहन छोटी हो या बड़ी उनके पैर हमेशा स्पर्श करने चाहिए।
 
16- उपहार और मिठाई में ऐसी चीजें दें, जो दोनों के लिए मंगलकारी और रूचिकर हो, काले वस्त्र तथा तीखा या नमकीन खाद्य न दें। घर की मिठाई को प्राथमिकता दें...
 
17 - रक्षासूत्र तीन धागों का होना चाहिए, लाल पीला और सफेद। अन्यथा लाल और पीला धागा तो होना ही चाहिए। चीनी राखी हर्गिज न बांधें। 
 
18- रक्षासूत्र में चंदन लगा हो तो बेहद शुभ होगा।
 
19- राखी से पूर्व कलावा भी श्रद्धा पूर्वक बांधें।
 
20-आजकल लोग सोफे व कुर्सी पर बैठकर राखी बंधवा लेते हैं। यह उचित नहीं है, राखी बंधवाते समय पीढ़े पर ही बैठें।
 
इससे शुद्धिकरण होता है और अच्छा प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं व्यक्ति चुंबकीय रेखाओं से मुक्त हो जाता
है। पीढ़े पर सिर्फ भाई को नहीं, बल्कि बहन को भी बैठना चाहिए। यही रक्षा सूत्र बांधने की सर्वोत्तम विधि है।