शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राजस्थान
  4. Abhaneri Festival adds to charm of heritage tourism

आभानेरी फेस्टिवल ने हैरिटेज टूरिज्म को लगाए चार चांद

आभानेरी फेस्टिवल ने हैरिटेज टूरिज्म को लगाए चार चांद - Abhaneri Festival adds to charm of heritage tourism
Abhaneri Festival: राजस्थान पर्यटन विभाग और दौसा जिला प्रशासन व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संयुक्त तत्वाधान में हैरिटेज टूरिज्म को चार चांद लगाने वाले दो दिवसीय आभानेरी फेस्टिवल का आगाज आभानेरी ग्राम में शुक्रवार को हुआ। दो दिनों तक यहां पर देशी व विदेशी सैलानियों ने राजस्थानी संस्कृति और अतिथि-सत्कार का आनंद ‍लिया। राजस्थानी रंग में रंगे सैलानियों ने यहां वीर रस से भरपूर कच्छी घोड़ी नृत्य पर ताल से ताल मिलाई तो बहरुपिया कला, कठपुतली कलाकारों व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने देशी- विदेशी सैलानियों का मन मोह लिया। 
 
सैलानियों का परंपरागत स्वागत : पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि आभानेरी ग्राम में देशी-विदेशी सैलानियों का स्वागत परंपरागत तरीके से माला पहनाकर व तिलक लगाकर किया गया। उन्होंने कहा कि पहले दिन करीब 400 से 500 विदेशी सैलानियों की आमद हुई जबकि विद्यार्थियों शैक्षणिक टूअर व घरेलू पर्यटक भी यहां खासी संख्या में पहुंचे। शेखावत ने कहा कि इस फेस्टिवल के दौरान पर्यटन विभाग द्वारा यहां लखेरों, कुम्हार व लोहारों को हुनर दिखाने के लिए बुलाया गया।
प्रसन्न हुए विदेशी पर्यटक : विदेशियों ने लाख की चूड़ियों को बनते देखा, कुम्हार के चलते चाक व लोहारों के उत्पादों को देख विदेशी काफी प्रसन्न नजर आए। उन्होंने स्थानीय हुनरमंदों से खरीददारी भी की। उन्होंने बताया की इस फेस्टिवल के लिए जरिए हैरिटेज टूरिज्म को प्रमोट किया जाता है। उन्होंने कहा कि देशी- विदेशी सैलानियों के यहां पर कैमलकार्ट की व्यवस्था है जिसके जरिए वे ग्राम-भ्रमण पर निकलते हैं, कैमल कार्ट को विदेशियों से सहित देशी सैलानी भी काफी पसंद कर रहे हैं। यहां पर ग्राम में नुक्कड नाटकों का भी प्रदर्शन किया गया।   
शेखावत ने बताया कि आभानेरी ग्राम में दसवीं शताब्दी का हर्षद माता मंदिर व उसके पास ही विश्व विख्यात चांद वावड़ी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। सवेरे शाम तक सैलानियों ने ग्राम दर्शन, चांद बावड़ी व माता के मंदिर के दर्शन किए, वहीं शाम को 7 से 9 बजे सांस्कृतिक संध्या का आयोजन ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
ये भी पढ़ें
Chhattisgarh : CM साय बोले- बस्तर अब शांति की ओर अग्रसर हो रहा, वरदान साबित हो रही पुनर्वास नीति