मतदान केंद्र जाएगा वोटर के पास
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आनंद चौधरी, जयपुर। आमतौर पर वोट देने के लिए वोटर ही मतदान केंद्र तक चल कर जाता है लेकिन अब मतदान केंद्र वोटर के पास वोट लेने के लिए जाएगा। जी हाँ, राजस्थान में चार दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में यह नजारा पाक सीमा से सटे जैसलेमर जिले के छह मतदान केंद्रों पर नजर आएगा। जैसलमेर देश का ऐसा पहला जिला है जहाँ विधानसभा चुनाव में घुमंतू (मोबाइल) मतदान केंद्र बनाए जाएँगे। जैसलमेर जिले में दस-दस घरों वाली ढाणियों के बीच की दूरी तीन से चार किलोमीटर के बीच है। ऐसे में यहाँ बनाए जाने वाले स्थायी मतदान केंद्रों में मतदान करने के लिए बहुत कम संख्या में लोग आ पाते हैं। यही कारण है कि गत विधानसभा चुनाव में यहाँ 25 फीसदी से भी कम मतदान हो पाया था। निर्वाचन आयोग की मंजूरी के बाद राज्य निर्वाचन विभाग ने छह मोबाइल मतदान केंद्र बनाए जाने का निर्णय किया है। ये मोबाइल मतदान केंद्र गांव-ढाणियों में घूम-घूमकर लोगों के मत इकठ्ठा करेंगे। निर्वाचन विभाग ने जैसलमेर जिले के सुथारवाला, 113 आरडीएफबीई, तोबा साहब का डेरा, जेठलिया, मेहर की ढाणी, कायम की ढाणी और मेणाऊ मतदान केंद्रों को मोबाइल मतदान केंद्र बनाने का निर्णय किया है। इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों से लैस ये मोबाइल केंद्र घर-घर जाकर वोट इकठ्ठा करेंगे। ऐसा नहीं है कि मोबाइल केंद्र के गांव से लौटने के बाद मतदान से वंचित मतदाता मतदान नहीं कर सकेंगे, बल्कि निर्धारित समय पर यह मोबाइल केंद्र फिर उसी गांव या ढाणी में पहुँचेगा, जहाँ से वह सुबह रवाना हुआ था। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद जुत्शी ने बताया कि इन जगहों पर अब लोगों को मतदान के लिए पांच-छह किलोमीटर चलकर नहीं जाना पडेगा, बल्कि मोबाइल केंद्र ही इनके पास जाकर मत प्राप्त करेंगे। राज्य विधानसभा में इस बार ऊंट गाडियों पर बनाए गए मतदान केंद्र नजर नहीं आएँगे। राज्य के रेगिस्तानी जैसलमेर और बाडमेर जिलों में पिछले कई वर्षों से ऊंट गाडियों पर मतदान केंद्र बनाए जाते रहे हैं। ये केंद्र उन इलाकों में बनाए जाते थे जहाँ भारी मरुस्थल के कारण जीपें व बसें व अन्य वाहन नहीं पहुँच पाते थे।