कौन है देश का सबसे अमीर अखाड़ा, जानिए कहां से आती है अखाड़ों के पास अकूत संपत्ति
Richest Akhara of Mahakumbh: भारत में अखाड़ों का इतिहास बहुत पुराना है। ये हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण अंग हैं और साधु-संतों का निवास स्थान होते हैं। भारत में 13 प्रमुख अखाड़े हैं। हाल ही में आयोजित महाकुंभ में अखाड़ों का वैभव देखकर हर कोई हैरान है। अखाड़ों के पांडालों की भव्यता और सम्पन्नता देख जनमानस के मन में यह सवाल सहज ही उठता होगा कि आखिर इन धार्मिक संस्थाओं के पास इतना धन और संपत्ति कहां से आती है? आइए आज वेबदुनिया हिंदी पर आपको बताते हैं क्या हैं अखाड़ों की आय के स्रोत और कहाँ होती है इनकी पूंजी खर्च। साथ ही जानेंगे अखाड़ों में से कौन है सबसे अमीर।
अखाड़ों की आय के स्रोत
अखाड़ों की आय के कई स्रोत होते हैं:
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मंदिरों से आय: कई अखाड़े मंदिरों का संचालन करते हैं। मंदिरों में आने वाले भक्तों के दान और चढ़ावे अखाड़ों की आय का मुख्य स्रोत होते हैं। यहां भक्त सोना-चांदी से लेकर लाखों रूपये चढ़ाते हैं।
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संपत्ति से आय : अखाड़ों के पास जमीन, भवन और अन्य संपत्तियां होती हैं। इनसे मिलने वाला किराया और अन्य आय भी अखाड़ों की आय में शामिल होती है।
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भक्तों द्वारा दिया दान: कई श्रद्धालु और संस्थाएं अखाड़ों को दान देते हैं। यह दान भी अखाड़ों की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
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सरकारी अनुदान : कुंभ मेले जैसे आयोजनों के दौरान अखाड़ों को सरकार से आर्थिक सहायता मिलती है।
अखाड़ों के खर्च
अखाड़ों के खर्च भी कई प्रकार के होते हैं:
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साधु-संतों का पालन –पोषण पर : अखाड़ों में रहने वाले साधु-संतों के भोजन, वस्त्र और आवास का खर्च अखाड़ों द्वारा वहन किया जाता है।
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मंदिरों का रखरखाव: अखाड़ों द्वारा संचालित मंदिरों के रखरखाव और मरम्मत पर भी खर्च होता है।
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सामाजिक कार्य: कई अखाड़े शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक कार्यों में भी योगदान देते हैं। अखाड़ों द्वारा संचालित स्कूलों, अस्पतालों और सामाजिक संस्थाओं को सुचारुरूप से चलने के लिए अखाड़ों की आय का इस्तेमाल होता है।
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धार्मिक आयोजन : कुंभ मेले के दौरान अखाड़ों को भव्य आयोजन और साधु-संतों के आवास आदि पर भी खर्च करना होता है।
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कौन है सबसे अमीर अखाड़ा
भारत में कुल 13 प्रमुख अखाड़े हैं। कुछ अखाड़ों की संपत्ति हजारों करोड़ रुपये तक मानी जाती है। एक अनुमान के हिसाब से निरंजनी अखाड़ा पूरे देश में सबसे अमीर माना जाता है। इसकी अनुमानित संपत्ति एक हजार करोड़ मानी जाती है। निरंजनी अखाड़े के नासिक, उज्जैन, वाराणसी, नोएडा, जयपुर, वड़ोदरा, प्रयागराज, हरिद्वार, आदि जगहों पर आश्रम और मठ हैं।
क्या अखाड़ों पर आयकर लगता है?
अखाड़ों की आय धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए होती है। आयकर अधिनियम 12A के तहत इन धार्मिक संस्थाओं को आयकर में छूट मिलती है। । हालांकि आयकर अधिनियम के तहत अखाड़ों को अपनी आय और खर्च का हिसाब देना होता है। अखाड़ों को अपनी आय का 85% हिस्सा चैरिटी में खर्च करना जरूरी है, नहीं तो आयकर विभाग नोटिस जारी कर सकता है। कुछ मामलों में यदि अखाड़े व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होते हैं, इस हालत में उन्हें आयकर देना पड़ सकता है।
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