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Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 13 जनवरी 2025 (15:03 IST)

महाकुंभ में रबड़ी बाबा बांट रहे मिठास, क्या है इस अनोखी पहल के पीछे की कहानी

महाकुंभ में रबड़ी बाबा बांट रहे मिठास, क्या है इस अनोखी पहल के पीछे की कहानी - mahakumbh rabari baba
Mahakumbh Rabari Baba: महाकुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालुओं का समागम हुआ है। इस महाकुंभ में कई साधु-संतों ने अपनी भक्ति और सेवा भाव से लोगों को प्रभावित किया है। इनमें से एक हैं नरेंद्र देव गिरी, जिन्हें रबड़ी बाबा के नाम से जाना जाता है। नरेंद्र देव गिरी हर दिन हजारों श्रद्धालुओं को रबड़ी खिला रहे हैं। आइए इस लेखमें आपको बताते हैं उनकी इस अनोखी पहल के पीछे की क्या है कहानी।

कौन हैं रबड़ी बाबा?
नरेंद्र देव गिरी श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के श्रीमहंत हैं। वे अल्लापुर बाघंबरी से हैं और महाकुंभ में लोगों को रबड़ी खिलाने के लिए आए हैं। उन्होंने 9 दिसंबर से रबड़ी बांटने का काम शुरू किया जो 6 फरवरी तक चलेगा।

रबड़ी बांटने की अनोखी पहल
हर दिन हजारों लोग रबड़ी बाबा से रबड़ी लेने आते हैं। रबड़ी बनाने के लिए हर रोज सुबह करीब आठ बजे कड़ाही चढ़ती है। कड़ाही चढ़ाने से पहले ईष्टदेव की पूजा की जाती है।

रबड़ी बांटने का विचार कैसे आया?
नरेंद्र देव गिरी बताते हैं कि साल 2019 में उन्हें रबड़ी बांटने का विचार आया था। उस साल कुंभ मेले में उन्होंने लोगों को खूब रबड़ी खिलाई थी। लोगों का आशीर्वाद है कि पहले नागा बाबा थे अब अखाड़े में श्रीमंत हैं। अखाड़े में पद भी बढ़ा। उन्होंने बताया कि श्रीमहंत अखाड़े का सबसे बड़ा पद होता है।

रबड़ी बाबा का मानना है कि सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। वे महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं की सेवा करके खुश हैं। रबड़ी बांटना उनके लिए एक तरह से पूजा है। रबड़ी बाबा महाकुंभ में एक मिसाल हैं। उन्होंने दिखाया है कि कैसे हम अपनी क्षमता के अनुसार दूसरों की सेवा कर सकते हैं। रबड़ी बाबा की इस पहल से लोगों को प्रेरणा मिलती है। महाकुंभ 2025 में रबड़ी बाबा की सेवा भावना ने सभी को प्रभावित किया है। उन्होंने दिखाया है कि कैसे एक छोटी सी पहल से लोगों के जीवन में खुशी और उल्लास लाया जा सकता है। रबड़ी बाबा की इस अनोखी पहल को हमेशा याद रखा जाएगा।