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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 15 जनवरी 2025 (17:28 IST)

महाकुंभ में चर्चा का विषय बने 'इंजीनियर बाबा' का असली नाम आया सामने, जानिए उनकी जिंदगी का सच

महाकुंभ में चर्चा का विषय बने 'इंजीनियर बाबा' का असली नाम आया सामने, जानिए उनकी जिंदगी का सच - IITan Baba Abhay Singh at Maha Kumbh
IITan Baba Abhay Singh at Maha Kumbh: महाकुंभ 2025 में एक अनोखा नजारा देखने को मिल रहा है। देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं के बीच एक ऐसा व्यक्ति है जो अपनी अनूठी कहानी के कारण चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने वाले एक युवक हैं, जिन्होंने साइंस की दुनिया छोड़कर सनातन धर्म को अपना लिया है और अब महाकुंभ में संन्यासी के रूप में दिखाई देते हैं। इन्हें लोग 'इंजीनियर बाबा' के नाम से जानते हैं।

कौन हैं इंजीनियर बाबा?
इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है। वे मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। एक समय ऐसा था जब वे एक सफल इंजीनियर बनने के सपने देखते थे। लेकिन जीवन के कुछ अनुभवों ने उन्हें आध्यात्म की ओर मोड़ दिया। उन्होंने साइंस की दुनिया को अलविदा कह दिया और सन्यास ले लिया।

क्यों छोड़ा साइंस का रास्ता?
अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यू में बताया है कि उन्हें साइंस की पढ़ाई करते हुए भी आध्यात्म में गहरी रुचि थी। धीरे-धीरे उन्हें लगा कि साइंस उन्हें वह शांति नहीं दे पा रहा है जो उन्हें आध्यात्म में मिलती है। इसलिए उन्होंने साइंस की दुनिया को छोड़कर सनातन धर्म को अपना लिया।

महाकुंभ में क्या कर रहे हैं इंजीनियर बाबा?
महाकुंभ में इंजीनियर बाबा लोगों को विज्ञान और अध्यात्म के बीच के संबंध के बारे में बता रहे हैं। वे मानते हैं कि विज्ञान और अध्यात्म एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं, बल्कि दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। वे लोगों को बताते हैं कि कैसे विज्ञान के माध्यम से हम प्रकृति के नियमों को समझ सकते हैं और आध्यात्म के माध्यम से हम अपने आंतरिक स्व को जान सकते हैं।

इंजीनियर बाबा का संदेश
इंजीनियर बाबा का संदेश है कि जीवन में सफलता सिर्फ धन और पद ही नहीं है, बल्कि आत्मिक शांति भी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे आध्यात्म की ओर बढ़ें और अपने जीवन में सार्थकता खोजें।

इंजीनियर बाबा की कहानी हमें यह बताती है कि जीवन में कभी भी देर नहीं होती है। हम अपनी रुचियों और जुनून का पालन कर सकते हैं। इंजीनियर बाबा ने साबित किया है कि एक सफल करियर छोड़कर भी हम आध्यात्मिक जीवन जी सकते हैं।