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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 3 जनवरी 2025 (18:38 IST)

प्रयागराज कुंभ मेला 2013 का इतिहास

History of Prayagraj Kumbh Mela 2013:  प्रयागराज कुंभ मेला 2013 का इतिहास - History of Prayagraj Kumbh Mela 2013
प्रयागराज कुंभ मेला 2013 का आयोजन 14 जनवरी से 10 मार्च 2013 के बीच प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) में हुआ था। इसे महाकुंभ मेला कहा गया क्योंकि यह 12 वर्षों में एक बार आयोजित होने वाला कुंभ था। हालांकि महाकुंभ प्रत्यके 144 वर्ष बाद ही आता है, परंतु परंपरा से प्रत्येक 12 वर्ष बाद आने वाले पूर्णकुंभ को भी महाकुंभ कहा जाता है। वर्ष 2023 के कुंभ मेले के आयोजन को 21वीं सदी का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जमावड़ा माना गया।
 
महत्वपूर्ण स्नान तिथियां और आयोजन 2013 :
  1. मकर संक्रांति: (14 जनवरी)- पहला शाही स्नान
  2. मौनी अमावस्या: (10 फरवरी)- सबसे महत्वपूर्ण स्नान, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया।
  3. बसंत पंचमी: (15 फरवरी)
  4. महाशिवरात्रि: (10 मार्च) – अंतिम प्रमुख स्नान
  5. सबसे महत्वपूर्ण स्नान: मौनी अमावस्या पर लगभग 3 करोड़ श्रद्धालु एक दिन में संगम में स्नान के लिए आए थे, जो विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा माना गया था।
 
प्रयाग महाकुंभ विशेषताएं:
  • अभूतपूर्व जनसैलाब: 2013 कुंभ मेले में लगभग 12 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए।
  • नागा साधुओं का जमावड़ा: कुंभ में नागा साधुओं और अन्य अखाड़ों का विशेष आकर्षण था।
  • आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम: मेला क्षेत्र में प्रवचन, साधु-संतों के दर्शन, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
  • सुरक्षा व्यवस्था: मेले के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया। ड्रोन कैमरे, सीसीटीवी, और हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया।
  • स्वच्छता अभियान: स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई।
प्रशासन और प्रबंधन:
उत्तर प्रदेश सरकार ने मेले को व्यवस्थित रूप से आयोजित करने के लिए एक विशेष प्रशासनिक तंत्र स्थापित किया। लगभग 50,000 पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी मेले में तैनात किए गए। 56 वर्ग किलोमीटर में मेले का आयोजन किया गया, जो इसे विश्व का सबसे बड़ा आयोजन बनाता है। 100 विशेष सीसी कैमरे, 42 वॉच टॉवर बगैर पुलिसकर्मी के, 52 वॉच टॉवर पर तैनात पुलिसकर्मी। दूरबीन से निगाह रखी गई।  
 
महाकुंभ में हादसा (प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर दुर्घटना):
10 फरवरी 2013: मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भीड़ के कारण एक बड़ा हादसा हुआ भगदड़ में 36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस हादसे ने प्रशासन की तैयारियों पर कई सवाल उठाए।
 
महाकुंभ वैश्विक आकर्षण:
2013 के कुंभ मेले को विश्व मीडिया में व्यापक कवरेज मिला। दुनिया भर के पर्यटकों और शोधकर्ताओं ने इसमें भाग लिया। इस आयोजन को 'विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन' कहा गया।
 
महाकुंभ का आर्थिक प्रभाव:
इस मेले ने स्थानीय व्यापार, पर्यटन और सेवाओं पर गहरा आर्थिक प्रभाव डाला। अनुमान के मुताबिक, इस मेले से 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। प्रशासनिक व्यवस्था, आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भक्तों की आस्था ने 2013 के कुंभ मेले को ऐतिहासिक बना दिया। इसे 'शांति, श्रद्धा और आध्यात्मिकता का महासंगम' कहा गया।