• Webdunia Deals
  1. चुनाव 2024
  2. लोकसभा चुनाव 2024
  3. चर्चित लोकसभा क्षेत्र
  4. BJP has lead on Modi and Hindutva issues in Ujjain and Dewas Lok Sabha seats
Last Updated : शनिवार, 11 मई 2024 (11:13 IST)

उज्जैन और देवास लोकसभा सीट पर मोदी और हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा को बढ़त!

उज्जैन और देवास लोकसभा सीट पर मोदी और हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा को बढ़त! - BJP has lead on Modi and Hindutva issues in Ujjain and Dewas Lok Sabha seats
लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में चौथे और आखिरी चरण में 8 लोकसभा सीटों पर होने वाला चुनाव प्रचार आज थम जाएगा। चौथे चरण में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का गृह जिले उज्जैन लोकसभा सीट और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित देवास लोकसभा सीट पर भी 13 मई को मतदान होगा।  
 ALSO READ: रतलाम लोकसभा सीट पर आदिवासी विकास और उम्मीदवारों के चेहरे पर सीधी लड़ाई
देवास लोकसभा सीट-देवास लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को लगातार दूसरी बार मौका दिया है। वहीं कांग्रेस ने राजेंद्र मालवीय को मैदान में उतारा है। देवास कांग्रेस के दिग्गज नेता सज्जन सिंह वर्मा के गढ़ के रुप में पहचाना जाता है। ऐसे में सज्जन सिंह वर्मा भी राजेंद्र मालवीय के चुनाव प्रचार में जुटे हुए है। देवास लोकसभा सीट भाजपा के गढ़ के रुप में पहचानी जाती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सत्यनारायण जटिया और 2019 में भाजपा के महेंद्र सिंह सोलंकी ने यहां से जीत दर्ज की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के महेंद्र सिंह सोलंकी ने लगभग पौने चार लाख वोटों के अंतर से कांग्रेस के प्रहलाद सिंह टिपानिया को हराया था।

सीट का सियासी समीकरण-देवास संसदीय सीट में तीन जिले देवास,शाजापुर और सीहोर जिले की 8 विधानसभा सीट आती है। इसमें शाजापुर जिले की सबसे ज्यादा 4 विधानसभा सीटें आगर,शाजापुर,शुजालपुर और कालापीपल देवास क्षेत्र में हैं। सीहोर जिले की एक सीट आष्टा इसमें शामिल है। इसके अलावा देवास जिले की तीन विधानसभा सीटें सोनकच्छ,हाटपिपल्या और देवास इसमें शामिल है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने देवास लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली सभी 8 सीटों में एकतरफा जीत दर्ज की थी।
 ALSO READ: लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में खरगोन और खंडवा मेंं कौन किस पर भारी?
देवास संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता बलाई समाज के हैं और भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशी इसी समाज से आते है।दूसरे नंबर पर खाती और तीसरे नंबर पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या बताई गई है। ब्राह्मणों का झुकाव भाजपा की ओर है जबकि खाती समाज बंटा नजर आ रहा है।  इसके अलावा क्षेत्र में ठाकुर, सेंधव, पाटीदार, गुर्जर, जैन तथा बाल्मीकि समाज के मतदाता भी काफी हैं।
 ALSO READ: धार में भोजशाला बनाम आदिवासी पर सिमटी चुनावी जंग,पीएम मोदी की रैली से BJP को माइलेज
देवास में चुनावी मुद्दा-देवास में भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह सोलंकी की पहचान कट्टर हिंदूवादी नेता की रही है। भाजपा हिंदुत्व के साथ विकास के मुद्दें पर चुनाव लड़ रही है। यहीं कारण है कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। अयोध्या में राम मंदिर का प्रचार हो रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्य गिनाए जा रहे हैं। इसके विपरीत कांग्रेस अपने घोषणा पत्र के 5 न्याय और 24 गारंटियों का प्रचार कर रही है। स्थानीय स्तर पर कांग्रेस बता रही है कि विकास के मामले में इंदौर और दूसरे शहरों की तुलना में किस तरह देवास को उपेक्षित कर रखा गया है जबकि देश और राज्य में लगातार भाजपा की सरकार है। हलांकि लगातार भाजपा के जनप्रतिनिधि होने के बाद क्षेत्र में उतना विकास नहीं होने के कारण उसे चुनाव में एंटी इंकमबेंसी का सामना करना पड़ रहा है।

उज्जैन लोकसभा सीट-मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के गृह जिला होने से उज्जैन लोकसभा सीट इस बार हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट हो गई है। उज्जैन में भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद अनिल फिरोजिया को फिर से मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस ने तराना विधानसभा सीट से विधायक महेश परमार को उम्मीदवार बनाया है।

दिलचस्प बात यह है कि 2018 विधानसभा चुनाव में उज्जैन जिले की तराना विधानसभा सीट पर अनिल फिरोजिया और महेश परमार का मुकाबला हो चुका है जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार महेश परमार ने अनिल फिरोजिया को 2 हजार वोटों से हराया था। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार अनिल फिरौजिया ने कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय को तीन लाख से अधिक वोटों से हराया था।

सीट का सियासी समीकरण- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट उज्जैन लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीट आती है। इसमें नागदा,महिदपुर, तराना, घट्टिया, उज्जैन नॉर्थ, उज्जैन साउथ, बड़नगर और आलोट शामिल हैं। इन सभी विधानसभा सीटों में बड़नगर और तराना में कांग्रेस को जीत मिली थी जबकि बाकी पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया था। उज्जैन लोकसभा सीट भाजपा के गढ़ के तौर पर पहचानी जाती है।

उज्जैन में चुनावी मुद्दा- उज्जैन लोकसभा सीट पर भाजपा मोदी के चेहरे और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। उज्जैन महाकाल कॉरिडोर का निर्माण और उज्जैन से आने डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनाए जाना चुनाव में मुख्य मुद्दा है। यहीं काण है कि उज्जैन में भाजपा कांग्रेस के काफी आगे दिखाई दे रही है। उज्जैन लोकसभा सीट पर भाजपा के साथ-साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।
ये भी पढ़ें
पाकिस्तान के एटम बम पर पीएम मोदी का पलटवार, बताया क्या है कांग्रेस की कमजोरी