कृष्णा तीरथ : प्रोफाइल
कृष्णा तीरथ ने राजनीति के क्षेत्र में एक अलग मुकाम बनाया है। लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस की तरफ से लड़ते हुए भाजपा को दो बार पटखनी दी। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस की कद्दावर नेता कृष्णा तीरथ ने अपनी पार्टी को झटका देते हुए भाजपा में शामिल हो गईं।
प्रारंभिक जीवन : कृष्णा तीरथ का जन्म 3 मार्च 1955 को दिल्ली के करोलबाग में हुआ।
राजनीतिक जीवन : कृष्णा तीरथ ने राजनीति के क्षेत्र में एक अलग मुकाम बनाया है। कृष्णा तीरथ के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1983 में महानगर पार्षद के रूप में हुई और 2014 तक उन्होंने सांसद के रूप में अपना योगदान दिया। इस बीच वे 2003-2004 में स्पीकर भी रहीं।
कृष्णा तीरथ 1984 में पहली बार विधायक चुनी गईं। शीला दीक्षित सरकार के समय वे सोशल वेलफेयर मंत्री रहीं। बाद में शीला दीक्षित से मतभेद के चलते उन्हें मंत्री पद से हटाकर दिल्ली विधानसभा का उप सभापति बनाया गया।
लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस की तरफ से लड़ते हुए भाजपा को दो बार पटखनी दी। 2004 में उन्होंने भाजपा की अनिता आर्या को हराकर लोकसभा की सदस्य बनीं। 2009 में वे एक बार फिर से भाजपा की ही मीरा कांवरिया को हराकर सांसद चुनी गईं। 2015 के चुनावों में वे भाजपा के टिकट पर पटेल नगर से खड़ी हुई हैं।
कृष्णा तीरथ मनमोहन सरकार के समय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस की कद्दावर नेता कृष्णा तीरथ ने अपनी पार्टी को झटका देते हुए भाजपा में शामिल हो गईं।
कृष्णा तीरथ का विवादों से भी नाता रहा है। तीरथ पर अपने मंत्री पद के दुरुपयोग के भी आरोप लगते रहे हैं। 2010 में सरकार की ओर से एक अखबार में पूरे पेज का एक विज्ञापन छपा, जिसमें पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल तनवीर महमूद अहमद के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की तस्वीर छपी।
हालांकि इस विज्ञापन के छपने के बाद पहले तो तीरथ ने गलती मानने से इनकार कर दिया लेकिन बाद में उन्होंने इस विज्ञापन के छपने पर माफी मांगते हुए इसकी जांच के आदेश दिए। तीरथ पर आरोप है कि उन्होंने अपनी बेटी यश्वी तीरथ को दूरदर्शन में एंकर के तौर पर शामिल किए जाने की सिफारिश की थी। इसे सेंट्रल ट्रिब्यूनल ने रद्द कर दिया था।