श्राद्ध महालय के दौरान आने वाली अश्विन कृष्ण अष्टमी को गजलक्ष्मी या महालक्ष्मी व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन महालक्ष्मी के गजलक्ष्मी स्वरूप की पूजा के दौरान हाथी की पूजा का भी विशेष महत्व है।
पशु धन दात्री की देवी को गजलक्ष्मी कहा जाता है। पशुओं में हाथी को राजसी माना जाता है। गजलक्ष्मी ने भगवान इंद्र को सागर की गहराई से अपने खोए धन को हासिल करने में मदद की थी। गजलक्ष्मी का वाहन सफेद हाथी है।