04 दिसंबर को साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण है। यह ग्रहण शनिवार को लग रहा है, इसीलिए यह और भी अधिक खास माना जा रहा है क्योंकि इसी दिन शनि अमावस्या भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण का एक साथ होना अद्भुत संयोग बन रहा है, क्योंकि शनिदेव भगवान सूर्य के पुत्र के रूप में जाने जाते है। हालांकि, पंडितों के अनुसार 4 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा और इसी कारण भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
Surya Grahan 2021 Kab Hai
Surya Grahan 2021 Kab Hai
आसान पूजन विधि- puja vidhi
शनि अमावस्या के दिन स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें।
शनि अमावस्या के दिन शनि मंदिर में जाकर वहां की साफ-सफाई करें।
इसके बाद शनिदेव की विधि-विधानपूर्वक पूजा करें।
शनिदेव का सरसों के तेल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करें।
उन्हें नीले पुष्प अर्पित करें।
शनिदेव के दर्शन करके उनसे शनि दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें।
शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण वाले दिन शनिदोष की पीड़ा से मुक्ति के लिए शमी वृक्ष का पूजन करें।
ग्रहण की समाप्ति के बाद सायंकाल के समय शमी और पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल दीपक जलाएं।
शिव सहस्त्रनाम, शनि चालीसा, शनि स्तोत्र और उनके मंत्रों का पाठ करें।
आसान उपाय-
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धन लाभ के लिए शनि अमावस्या के दिन अनाज का दान करें।
शनि अमावस्या के दिन काले तिल का दान करने से शत्रुओं का अंत होगा।
विपत्ति से सुरक्षा के लिए आज छाता दान करना लाभदायी रहेगा।
शनि के प्रभाव से मुक्ति के लिए सरसों का तेल दान करें।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
मंत्र-
ॐ रं रवये नमः
ॐ घृणी सूर्याय नमः
गायत्री मंत्र का जाप करें।
शनि अमावस्या के शुभ मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या का प्रारंभ शुक्रवार, 03 दिसंबर को शाम 04.55 मिनट से शुरू हो रहा है और शनिवार, 04 दिसंबर 2021 को दोपहर 01.12 मिनट पर अमावस्या समाप्त होगी। शनिचरी अमावस्या की उदयातिथि की वजह से 04 दिसंबर को मान्य है।

Surya dev Worship