रविवार, 1 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. Kaal Bhairav ashtami 2018 and 8 Name of bhairav
Written By

काल भैरव जयंती 2018 : चौंक जाएंगे भैरव के 8 रूप, मं‍त्र और साधना का तरीका पढ़कर...

काल भैरव जयंती 2018 : चौंक जाएंगे भैरव के 8 रूप, मं‍त्र और साधना का तरीका पढ़कर... - Kaal Bhairav ashtami 2018 and 8 Name of bhairav
हिंदू धर्म में भैरव देव की पूजा का बहुत महत्व है। अगहन मास की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस अष्टमी को कालाष्टमी भी कहा जाता है। इस बार 29 नवंबर 2018 को काल भैरव अष्टमी है। इस अष्टमी में भैरव के रूपों की विधिवत पूजा की जाती है। काल भैरव साधना विधि बता रहे हैं....
 
काल भैरव को भगवान रुद्र यानि भगवान शंकर का रूप माना जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय अवश्य सिद्ध होते हैं। श्री भैरव के यूं तो अनेक रूप हैं जिसमें प्रमुख रूप से बटुक भैरव, महाकाल भैरव तथा स्वर्णाकर्षण भैरव प्रमुख हैं। इन रूपों की विधिवत पूजा की जाती है। 
 
इसलिए भैरव की पूजा करते समय उनके उसी रूप के नाम का उच्चारण करना चाहिए। भैरव के सभी रूपों में बटुक भैरव की उपासना अधिक प्रचलित है। 
 
 भैरव के अष्ट रूपों के नाम 
 
1. असितांग भैरव, 
 
2. चंड भैरव, 
 
3. रूरू भैरव,
 
4. क्रोध भैरव, 
 
5. उन्मत्त भैरव, 
 
6. कपाल भैरव, 
 
7. भीषण भैरव 
 
8. संहार भैरव। 
 
इसलिए हम आपको भैरव पूजा विधि, हवन और भैरव साधना की विधि बताने जा रहे हैं। भैरव के भक्तों को रविवार, बुधवार साथ ही भैरव अष्टमी पर इन 8 नामों का उच्चारण करना चाहिए। भैरव के नामों का उच्चारण करने से मनचाहा वरदान मिलता है। इसलिए हम अब आपको भैरव साधना बताएंगे....
 
काल भैरव साधना विधि
 
1. काल भैरव भगवान शिव का अत्यन्त उग्र तथा तेजस्वी स्वरूप है। इसलिए इनकी शांति की पूजा करें।
 
2. सभी प्रकार के पूजन/हवन/प्रयोग में रक्षार्थ इनका पुजन होता ही है।
 
3. ब्रह्मा का पांचवां शीश खंडन भैरव ने ही किया था। इसलिए भैरव को पूजना आवश्यक है।
 
4. इन्हें काशी का कोतवाल माना जाता है तो विधिवत पूजन कर आप शिव को भी प्रसन्न कर सकते हैं।
 
5. काले रंग के वस्त्र धारण करें, काले रंग का ही आसन लगाएं।
 
6. दिशा दक्षिण की ओर मुंह करके बैठें। 
 
7. भैरव साधना से भय का विनाश होता है
 
8. भैरव तंत्र बाधा, भूत बाधा तथा दुर्घटना से रक्षा प्रदायक है।
 
इस मंत्र का 108 बार जाप करें....
 
ये भी पढ़ें
अंकुरित लहसुन के 5 फायदे जानकर, हैरान हो जाएंगे आप