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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शनिवार, 30 नवंबर 2024 (18:12 IST)

धनु संक्रांति कब है क्या होगा इसका फल?

Dhanu Sankranti 2024
Malmas 2024: जब सूर्य, बृहस्पति की राशि धनु राशि या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब धनु संक्रांति होती है। मीन और धनु राशि में जब भी सूर्य का प्रवेश होता है तो इस काल को मलमास या खरमास का काल कहते हैं क्योंकि इस दौरान सूर्य का प्रकाश कम हो जाता है। सूर्य देव 15 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 के बीच धनुराशि में रहेंगे तब तक मलमास रहेगा।
 
धनु संक्रांति फलम: इस संक्रांति के कारण सरकारों और सरकारी कर्मचारियों पर संकट आ सकता है। राष्ट्रों के बीच संघर्ष होगा। वस्तुओं की लागत में तेजी नहीं आएगी। हालांकि भय और चिन्ता का माहौल बना रहेगा। लोग खांसी और ठण्ड से पीड़ित होंगे और बारिश के अभाव में अकाल की सम्भावना बनेगी।
 
क्या नहीं करें : खरमास को मलमाल भी कहते हैं इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं करते हैं। मलमास में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृहप्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है।
 
क्या करें : इस माह में अपने अराध्य देव की अराधना करें। सूर्यदेव को अर्घ्य दें। तिल, वस्त्र और अनाज का दान करें। गाय को चारा खिलाएं। गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करें। बृहस्पति का उपवास करें और उपाय भी करें। गुरुवार को मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें।
 
धनु संक्रांति के दिन सत्यनारायण की कथा का पाठ किया जाता है। तत्पश्चात देवी लक्ष्मी, शिव जी तथा ब्रह्मा जी की आरती की जाती है और चरणामृत का प्रसाद चढ़ाया जाता है। भगवान श्री विष्णु की पूजा में केले के पत्ते, फल, सुपारी, पंचामृत, तुलसी, मेवा आदि का भोग तैयार किया जाता है। साथ ही इस दिन मीठे व्यंजन बनाकर भगवान का भोग लगाया जाता है।