गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. anant chaturdashi 2019 mystery of 14 Knot
Written By

अनंत चतुर्दशी 2019 : अनंत डोरी में 14 गांठ ही क्यों बांधी जाती हैं, जानिए राज

अनंत चतुर्दशी 2019 : अनंत डोरी में 14 गांठ ही क्यों बांधी जाती हैं, जानिए राज - anant chaturdashi 2019 mystery of 14 Knot
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाता है। इस दिन अनंत के रूप में हरि की पूजा होती है। पुरुष दाएं तथा स्त्रियां बाएं हाथ में अनंत धारण करती हैं। अनंत राखी के समान रूई या रेशम के कुंकू रंग में रंगे धागे होते हैं और उनमें चौदह गांठ होती हैं। इन्हीं धागों से अनंत का निर्माण होता है। यह व्यक्तिगत पूजा है, इसका कोई सामाजिक धार्मिक उत्सव नहीं होता। 
 
हरि की पूजा करके तथा अपने हाथ के ऊपरी भाग में या गले में धागा बांध कर या लटका कर (जिस पर कोई भी पवित्र विष्णु मंत्र पढ़ा गया हो) व्रती अनंत व्रत को पूर्ण करता है। यदि हरि अनंत हैं तो 14 गांठ हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों की प्रतीक हैं।
 
अनंत चतुर्दशी पर कृष्ण द्वारा युधिष्ठिर से कही गई कौण्डिन्य एवं उसकी स्त्री शीला की गाथा भी सुनाई जाती है। कृष्ण का कथन है कि 'अनंत' उनके रूपों का एक रूप है और वे काल हैं जिसे अनंत कहा जाता है। अनंत व्रत चंदन, धूप, पुष्प, नैवेद्य के उपचारों के साथ किया जाता है। इस व्रत के विषय में कहा जाता है कि यह व्रत 14 वर्षों तक किया जाए, तो व्रती विष्णु लोक की प्राप्ति कर सकता है।
 
इस दिन भगवान विष्णु की कथा होती है। इसमें उदय तिथि ली जाती है। पूर्णिमा का सहयोग होने से इसका बल बढ़ जाता है। यदि मध्याह्न तक चतुर्दशी हो तो ज्यादा बेहतर है। जैसा इस व्रत के नाम से प्रतीत होता है कि यह दिन उस अंत न होने वाले सृष्टि के कर्ता ब्रह्मा की भक्ति का दिन है। इस व्रत की पूजा दोपहर में की जाती है। 

ये भी पढ़ें
अनंत चतुर्दशी पर्व 2019 : जानिए कैसे करें व्रत और पूजन, बहुत सरल है यह विधि