भगवान शिव को प्रिय महेश नवमी
जानिए भगवान महेश के बोध चिह्न
भगवान शिव के वरदान स्वरूप माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति मानी गई है। उत्पत्ति दिवस ज्येष्ठ शुक्ल नवमी है, जो महेश नवमी के रूप में मनाई जाती है। महेश स्वरूप में आराध्य भगवान 'शिव' पृथ्वी से भी ऊपर कोमल कमल पुष्प पर बेलपत्ती, त्रिपुंड, त्रिशूल, डमरू के साथ लिंग रूप में शोभायमान होते हैं। भगवान शिव के इस बोध चिह्न के प्रत्येक प्रतीक का अपना महत्व है।आगे पढ़ें महेश के बोध चिह्नों की जानकारी
पृथ्वी : पृथ्वी गोल परिधि में है परंतु भगवान महेश ऊपर हैं अर्थात पृथ्वी की परिधि भी जिन्हें नहीं बांध सकती वह एक लिंग भगवान महेश संपूर्ण ब्रह्मांड में सबसे ऊपर हैं।