Last Modified: नई दिल्ली ,
रविवार, 12 अगस्त 2012 (12:30 IST)
ओलिंपिक 2020 में भारत के पास होंगे 25 पदक- माकन
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भारत लंदन ओलिंपिक में पदकों की संख्या के हिसाब से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके लौटेगा जिससे खेल मंत्री अजय माकन ने एथलीटों के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि देश 2020 खेलों में 25 पदक जीत सकता है।
भारत ने बीजिंग ओलिंपिक में तीन पदक जीते थे जिसमें एक स्वर्ण भी शामिल था। लंदन में भारत ने अब तक पांच पदक जीत लिए हैं जो पदकों की संख्या के हिसाब से अब तक का उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके लिए माकन ने एथलीटों के प्रदर्शन की तारीफ की।
माकन ने करण थापर के सीएनएन आईबीएन पर ‘डेविल्स एडवोकेट’ कार्यक्रम में कहा, ‘अगर आप भारत के बीते प्रदर्शन से तुलना करो तो मुझे लगता है कि यह भारत का अब तक ओलिंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
हमने पदकों की संख्या के हिसाब से सुधार किया है। उन्होंने कहा, ‘आप तुलना कर सकते हो जब से ओलिंपिक शुरू हुए हैं तब से हॉकी को छोड़कर भारत कितने पदक जीत सकता था। इसमें केवल सात पदक थे, लेकिन इस बार हमें अब तक चार पदक मिल गए हैं (साक्षात्कार के समय चार पदक मिले थे)।
माकन ने कहा, 2020 तक हम 25 पदक जीत सकते हैं, यह हासिल करने योग्य लक्ष्य है। इसमें से 5 या 10 स्वर्ण हो सकते हैं। हम स्वर्ण पदकों की संख्या बिलकुल सटीक नहीं बता सकते। माकन को लगता है कि जब तक देश का मानव विकास सूचक लचर और प्रति व्यक्ति आय कम रहेगी तब भारत और अधिक पदक जीतने की उम्मीद नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि जहां तक मानव विकास सूचक का सवाल है भारत दुनिया में 134वें स्थान पर है जबकि प्रति व्यक्ति आय में भारत 129वें नंबर पर है। लेकिन अब तक हम ओलिंपिक में 46वें स्थान पर हैं। खेल लोगों की संख्या के बारे में नहीं है।
माकन ने कहा कि यह खिलाड़ियों और देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। केवल दो ही देश ऐसे हैं, जिनका मानव विकास सूचक कम है लेकिन वे ओलिंपिक में भारत से ऊपर हैं। लेकिन पदक तालिका में शीर्ष पर काबिज सभी देशों का मानव विकास सूचक और प्रति व्यक्ति आय काफी अधिक है।
ये सारी चीजें एक-दूसरे से जुड़ी हैं। हालांकि भारत ने काफी पदक नहीं जीते हैं लेकिन खेल मंत्री को लगता है कि खिलाड़ियों का प्रदर्शन सराहनीय था। उन्होंने कहा कि हमने काफी सुधार किया है। इस बार हमारे 81 खिलाड़ियों ने ओलिंपिक में हिस्सा लिया जिनकी संख्या पिछली बार केवल 56 थी, क्या यह बड़ा सुधार नहीं है।
एथलीटों की संख्या करीब 25 प्रतिशत बढ़ी है और कुल पदकों की संख्या में भी 25 प्रतिशत ही बढ़ोतरी हुई है। स्वर्ण पदक अभी तक नहीं आया है। हम पिछले पदकों की संख्या दोगुनी भी कर सकते हैं।
माकन ने कहा कि 56 से 81 खिलाड़ी होना कम सुधार नहीं है। जयदीप करमाकर काफी करीब से पदक से चूक गए । पिस्टल निशानेबाजी में एक अंक से स्वर्ण से चूकना क्या बड़ी उपलब्धि नहीं है। हमारे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। (भाषा)