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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , सोमवार, 4 अगस्त 2008 (19:17 IST)

कमजोर नजर आता है अंजू का दावा

कमजोर नजर आता है अंजू का दावा -
भारत को बीजिंग में खेलों के महाकुंभ में भले ही अंजू बॉबी जार्ज से पदक की उम्मीद हो, लेकिन अगर लंबी कूद में इस साल के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों पर नजर डाली जाए तो नका दावा कमजोर नजर आता है, क्योंकि 2008 के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में उनका नंबर 51वाँ है।

अंजू ने मई में दोहा में साल का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 6.55 मीटर की छलाँग लगाई थी, जो अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक महासंघ के आँकड़ों के हिसाब से 2008 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली ब्राजील की मोरिन मैगी के 6.83 मीटर के प्रदर्शन से काफी कम है।

अर्जुन पुरस्कार, राजीव गाँधी खेल रत्न और पद्मश्री से सम्मानित इस भारतीय एथलीट का ओलिम्पिक में पदक तक का सफर आसान नहीं होगा, क्योंकि बीजिंग में उनकी कई प्रतिद्वंद्वी सात मीटर से अधिक दूरी की छलाँग लगाने में सक्षम हैं।

हैप्टाथलन खिलाड़ी के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाली अंजू के लिए लंबी कूद के फाइनल का सफर तो अधिक मुश्किल नहीं रहेगा, लेकिन ओलिम्पिक में पदक के अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ना होगा।

पेरिस में 2003 में विश्व एथलेटिक्स चैमिपयशिप में 6.70 मीटर की छलाँग के साथ इस प्रतियोगिता में भारत की ओर से पदक जीतने वाली पहली एथलीट बनी अंजू ने 2004 एथेंस ओलिम्पिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। भारत की इस दिग्गज खिलाड़ी ने तब 6.83 मीटर की छलाँग लगाई, लेकिन फिर भी वे पदक से वंचित ही रहीं।

एथेंस ओलिम्पिक के दौरान अंजू अपने करियर के शीर्ष पर थी, जो उनके प्रदर्शन से साबित भी होता है, लेकिन हाल के वर्षों और विशेषकर 2008 में अंजू प्रभावी प्रदर्शन करने में नाकाम रही हैं।

एथेंस ओलिम्पिक से पहले का दौर अंजू के करियर का सर्वश्रेष्ठ समय रहा, तब उन्होंने मात्र दो साल में दुनिया की 61वें (2001) नंबर की खिलाड़ी से छठे नंबर (2003 में) की खिलाड़ी तक का सफर तय किया।

अंजू (31) की उम्र भी उनकी राह का रोड़ा साबित हो सकती है, क्योंकि वे अब अपने करियर के ढलान पर है। हालाँकि उनके पति और कोच बॉबी जार्ज को बीजिंग में उनसे पदक की उम्मीद है और उनका मानना है कि भारतीय एथलीट का दावा काफी मजबूत है।

यह दीगर बात है कि इस साल अंजू का प्रदर्शन काबिले तारीफ नहीं रहा है। आईएएएप की रैंकिंग में एक समय चौथे स्थान पर काबिज अंजू ने 2008 में सत्र की शुरुआत कतर की राजधानी दोहा में तीसरी एशियाई इंडोर चैम्पियनशिप में रजत पदक के साथ की, जहाँ उन्होंने मात्र 6.38 की दूरी तय की।

उन्होंने हालाँकि कोच्चि में तीसरी दक्षिण एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए 6.50 मीटर की छलाँग लगाई। हालाँकि इस प्रदर्शन के साथ उन्हें ओलिम्पिक की लंबी कूद के फाइनल में भी जगह बनाने में दिक्कत आ सकती है।