बीजिंग में भारत का निराशाजनक दिन
स्टार निशानेबाज अंजलि भागवत और अवनीत कौर सिद्धू शर्मनाक प्रदर्शन से 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन के फाइनल्स में क्वालीफाइ करने में असफल रहीं और जबकि तैराकी में भी देश का अभियान समाप्त हो गया, जिससे भारतीयों के लिए बीजिंग ओलिम्पिक में एक और निराशाजनक दिन रहा।तीसरे ओलिम्पिक में भाग लेने वाली अंजलि कुल 571 ( प्रोन 191, स्टैंडिंग 189 और नीलिंग 191) का स्कोर ही बना सकीं। वह क्वालीफाइंग दौर में 32वें स्थान पर रही। वहीं पहला ओलिम्पिक खेल रही अवनीत ने 552 (प्रोन 190, स्टैंडिंग 183 नीलिंग 179 ) का स्कोर बनाया। वह 43 निशानेबाजों के क्वालीफाइंग वर्ग में 42वें स्थान पर रही।हंगरी के उनके कोच लाज्लो जुसाक ने कहा कि अवनीत की तैयारी पुख्ता नहीं थी जबकि अंजलि दबाव का सामना नहीं कर पाई। कोच ने कहा कि अवनीत को अनुभव की जरूरत है। वह पूरी तरह तैयार नहीं थी। किसी ने उससे पदक की उम्मीद नहीं की थी लेकिन यहाँ वह अपने सर्वश्रेष्ठ फार्म में नहीं थी। इसे औसत प्रदर्शन ही कहा जाएगा।अंजलि के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने सोचा था कि वह 580 से ज्यादा स्कोर करेगी। वह दबाव में थी और यह स्कोर उसकी क्षमता के साथ न्याय नहीं करता।कोच जुसाक ने भारत में बुनियादी ढाँचे की कमी को भी दोषी ठहराते हुए कहा कि इन हालात में तैयारी करके ओलिम्पिक पदक नहीं जीता जा सकता।उन्होंने कहा कि दो साल तक हमें कारतूस नहीं मिले। मैंने नेशनल राइफल एसोसिएशन के महासचिव बलजीतसिंह सेठी को बताया कि 2010 राष्ट्रमंडल खेलों और अगले ओलिम्पिक की अच्छी तैयारी करनी है तो यह एक सितंबर से ही शुरू हो जानी चाहिए।कोच ने कहा कि हमें तीन ग्रुप चाहिए। एलीट सहायक और युवा। इसके अलावा भारत में पर्याप्त प्रतिस्पर्धा का होना भी जरूरी है। फिलहाल ऐसा नहीं है। अभिनव बिंद्रा ने चतुराई की जो यूरोप में ही अभ्यास किया।उन्होंने कहा कि दूसरी टीमें साल में 270 दिन अभ्यास करती हैं। हमें बीजिंग ओलिम्पिक की तैयारी के लिए सिर्फ ढाई साल मिले जिससे पदक की गारंटी नहीं ली जा सकती।तैराकी में वीरधवल खाडे और अंकुर पोसेरिया 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा के फाइनल्स में क्वालीफाइ नहीं कर पाए जिससे इस प्रतियोगिता में भी भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी। ये दोनों यहाँ अपना ही रिकॉर्ड बेहतर नहीं कर पाए।पोसेरिया 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में 54.74 सेकेंड का समय लेकर 57वें स्थान पर रहे जो उनके पिछले 53.68 सेकेंड के समय से एक सेकेंड ज्यादा था।दूसरी ओर खाडे 22.73 सेकेंड का समय लेकर 40वें स्थान पर रहे और अपने 22.69 सेकेंड के समय से बेहतर नहीं कर पाए जो उन्होंने पिछले महीने मेक्सिको के फिना विश्व युवा चैंपियनशिप में बनाया था। कोच निहार अमीन ने कहा कि पोसेरिया की अनुभवहीनता आज दिखी, जबकि खाडे अपने ही रिकॉर्ड को दोहराने के करीब थे।उन्होंने कहा कि अंकुर युवा है और उससे वह अनुभव नहीं है जो ओलिम्पिक में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जरूरी होता है। इसलिए मैं उनके प्रदर्शन से हैरान नहीं हूँ।अमीन ने कहा कि वहीं वीर ने अच्छा प्रदर्शन किया और वह अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के करीब थे। मैं उसके प्रदर्शन से नाखुश नहीं हूँ।