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Written By WD

हिन्द-युग्म के एलबम का विमोचन

हिन्द-युग्म के एलबम का विमोचन -
GN
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में संपन्न विश्व पुस्तक मेले के दौरान हिन्द युग्म के पहले साह‍ित्यिक-संगीतमयी एलबम 'पहला सुर' का ‍भव्य विमोचन हुआ। समारोह में अनेक दर्शकों ने भाग लिया। इंटरनेट के सहयोग से बने कविताओं व संगीतबद्ध गीतों से ओत-प्रोत इस एलबम का विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अशोक बाल्यान, एचआर निदेशक ओएनजीसी ने किया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अमित दहिया बादशाह संस्थापक देहली पोएट्र, प्रदीप शर्मा वरिष्ठ उद्‍घोषक आकाशवाणी, ‍बुद्धिनाथ मिश्र वरिष्ठ कवि, ओएनजीसी, श्रीमती रेणु बाल्यान आदि उपस्थित थे।

अशोक बाल्यान ने अपने भाषण में कहा कि हिन्दी को नई तकनीक से जोड़कर ही इसको आज से जोड़ा जा सकता है और युवाओं को शामिल किया जा सकता है। आपने कहा कि जिस प्रकार से पु‍स्तकों की महिमा है, उसी तरह इस साहित्यिक एलबम की अपनी महत्ता है।

प्रदीप शर्मा ने आकाशवाणी से इस एलबम के प्रसारण का विश्वास दिलाया। उन्होंने कहा कि नए कवियों की आवाज को जन-जन तक पहुँचाने में वे मदद करेंगे।

अमित दहिया ने कविता पाठ को लिखने-पढ़ने से अधिक महत्व दिया और कहा कि हिन्दी का सम्मान कायम करने के लिए हिन्द-युग्म जैसे युवा समूहों का जन्म आवश्यक है। कार्यक्रम दोपहर से शुरू होकर शाम तक चला। बुद्धिनाथ मिश्र ने अपनी बूढ़ी काकी पर लिखे गीत को गाकर सबका मन मोह लिया। मिश्र ने हिन्द-युग्म की उद्‍घोष पंक्ति 'हिन्दी को खून चाहिए' का समर्थन किया।

हिन्दी-युग्म की ओर से गायक-संगीतकार जोड़ी दीपक-कमल ने एक सोलो गीत और मिमिक्री प्रस्तुत की। इसके ‍अलावा सर्वश्री गौरव सोलंकी, मनीष वंदेमातरम्, शोभा महेन्द्रु और निखिल आनंद गिरि ने भी काव्यपाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री निखिल आनंद गिरि ने और अध्यक्षता श्री मोहिन्दर कुमार ने की।

हिन्दी को तकनीक व कला की हर विधा से जोड़ने में जुटी संस्था हिन्दी-युग्म ने प्रगति मैदान के पुस्तक मेले में अपना स्टैंड भी लगाया जहाँ इसके सदस्य आगंतुकों को हिन्दी व तकनीक की जानकारी देने में जुटे रहे। कवि श्री अलोक शंकर के शब्दों में-
मैं युग्म तुम्हारी भाषा का, हिन्दी की धूमिल आशा का
मैं युग्म एकता की संभव, हर ताकत की परिभाषा का
हाँ, बहुत कठिन होगा लिखना, पत्थर पर अपने नामों को
होगा थोड़ा मुश्किल करना, अनहोनी लगते कामों को
पर वही सफल होता है जो, चलने की हिम्मत रखता है
गिरता है, घायल होता है, पर फिर भी आगे ही बढ़ता है...