हाइकु - विरह-वेदना
- शैफाली गुप्ता
1)
चांद सजाऊंया आकाश बिछाऊंन पाती तुम्हें2)
तुम हो आत्मातुम्हीं हो धड़कनफिर भी कहां?3)
नीला आकाश-उसके विस्तार मेंडूबती-सी मैं4)
क्या याद तुम्हेंआसमान का रंगनीलिमा-सी मैं5)
स्याही का रंगउकेरती पन्नों पेसोचती तुम्हें6)
स्पर्श तुम्हारास्पंदन बन जीताआत्मा में मेरी7)
रंग-विहीनजो जीवन हो मेरारंग तुम्हीं तो8)
तेरा न होनाया तेरा क्यूं न होनाप्रश्न ये मेरा9)
नए-पुरानेशब्द-ग्रंथ तुम्हीं होफिर भी कहां।