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Written By WD

दुनिया नई बनाएँगे

दुनिया नई बनाएँगे -
- डॉ. राधा गुप्ता
GN
कानपुर में जन्म। कानपुर विवि से एमए और बुंदेलखंड विवि से पी-एचडी किया। मई 1998 में अमेरिका पहुँची। 2003 में एडल्ट एजुकेशन में शिक्षण से जुड़ीं। सम्प्रति वे वेसलियन विवि कनैक्टिकट में हिन्दी की प्राध्यापक हैं।

नन्हे-नन्हे कदम हमारे
आगे बढ़ते जाएँगे
हम सब बच्चे, उगते सूरज
दुनिया नई बनाएँगे

हमें न डर है आतंकवाद का
और न आतंकव‍ादियों का
मानवता का पाठ पढ़ा है
इस पर म‍र-मिट जाने का।

GN
ठान लिया है मन में अपने
आतंकवाद मिटाएँगे
हम सब बच्चे, उगते सूरज
दुनिया नई बनाएँगे।

हमीं बनेंगे वीर भगतसिंह
हमीं जवाहर औ गाँधी
हमीं बनेंगे लिंकन औ बुश
रोकेंगे आतंकवाद की आँधी।

मुंबई और न्यूयॉर्क सिटी का
बदला हमीं चुकाएँगे
हम सब बच्चे उगते सूरज
दुनिया नई बनाएँगे।

हमीं जहाँ की आन बनेंगे
हमीं जहाँ की शान
हमीं जहाँ की ध्वजा बनेंगे
फहराएँगे नभ में मुस्कान।

बस इतना सा संकल्प हमारा
इसी ध्येय पर जाएँगे
हम सब बच्चे उगते सूरज
दुनिया नई बनाएँगे।

(- साभार- गर्भनाल)