गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025
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Written By WD

जब चाहा पहुँच पाते

जब चाहा पहुँच पाते -
- अनुराधा चंदर
GN

भारतीय महाविद्यालय मोरशी (महाराष्ट्र) से बीए और कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा। अमेरिका के सभी शहरों में कवि सम्मेलन में कविता पाठ। 'कुछ कहता है मेरा मन' काव्य संग्रह प्रकाशित। न्यूयॉर्क में स्थायी निवास

अपना देश सदा दिल में बसता है
विदेश में रहकर भी कभी उसे भुला नहीं पाते
उसकी खुशबू सात समंदर पार
यादों में बिखेरती है
काश! जब भी चाहा पहुँच पाते
अपनों को गले लगाने

कितना आसान है कहना
पर विदेश में रहकर ये बात
हम समझ पाते हैं

सदा खुले हैं द्वार अपने वतन के हमारे लिए
फिर भी जब मन चाहा तब
क्यों नहीं पहुँच पाते?

साभार- गर्भनाल