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happy global parents day पर कविता : माता-पिता के चरणों में...

happy global parents day पर कविता : माता-पिता के चरणों में... - poem on happy global parents day
जिनके साथ बचपन में खेला
जिनसे सुनी लोरियां मैंने 
जिनका साया छांव थी मेरी 
जिनके लिए थी एक नन्ही परी मैं
जिनकी आंखों में था
इंतज़ार मेरे आने का ...   
जिनके के लिए था 
मेरे मन में प्यार 
जो थे मेरा जीवन 
और जो है आज भी 
मेरा तन-मन,
जिनसे महकती थी
जीवन बगिया मेरी 
और जिनसे हुआ 
गुले बहार मेरा चमन 
अब एक ठंडी-सी
मीठी-सी याद है मन में 
जो भर देती है अंखियों में 
अंसुवन जल  
 
क्यूं वो सहारे छीन गए?
क्यों वो हमसे दूर हो गए 
जिनसे पाया था ये जीवन
जिनसे पाया था ये जीवन 
माता-पिता के चरणों में 
कोटि-कोटि वंदन 
...कोटि कोटि वंदन।

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